Shani Dev: इन मंत्रों के बिना शनिदेव के सारे उपाय रहते हैं अपूर्ण, नहीं मिलती कष्ट से मुक्ति और उनकी कृपा
Shani Dev Puja Mantra: सनातन धर्म में शनि देव को बहुत अधिक महत्व दिया गया है. क्योंकि इनके रुष्ट होने से हमारे सारे कार्य बिगड़ जाते हैं. इन्हें प्रसन्न रखने के लिए ये मंत्र बहुत जरूरी है.

Shani Dev Upay, Puja Mantra: शनि देव महाराज को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि सभी शुभ अशुभ कर्मों का फल शनि देव महाराज देते हैं. इनकी कृपा दृष्टि या कुदृष्टि का परिणाम बहुत ही आश्चर्यजनक और अत्यंत दुखदाई होता है. शनि देव महाराज को प्रसन्न रखने के लिए शनिवार के दिन पूजा पाठ का विशेष महत्व है. माता छाया और भगवान सूर्य के पुत्र शनि देव को देवाधिदेव महादेव ने न्याय के देवता का होने का अधिकार दिया है. इसी कारण इनका महत्व पूरे चराचर जगत में फैला हुआ है. शनिदेव को प्रसन्न रखने के लिए तमाम तरह के मंत्रों को बताया गया है. कई ऐसे उपाय हैं जिन्हें करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है. शनिदेव की कुदृष्टि में ढैय्या और साढ़ेसाती का प्रकोप बहुत ज्यादा होता है. जिस राशि में भी शनि प्रवेश कर जाते हैं, उसमें कम से कम ढाई साल तक रहते हैं. क्योंकि इनकी चाल बहुत धीमी होती है. इसलिए शनि देव महाराज उस राशि वाले जातक को कम से कम ढाई साल तक प्रभावित करते हैं. शनिदेव की कुदृष्टि से बचने के लिए शनि को प्रसन्न रखना अति आवश्यक है. शनि देव महाराज की कृपा प्राप्त करने के लिए शनि देव महाराज के विभिन्न मंत्रों का जाप करना चाहिए. शनिवार के दिन काला तिल, सरसों का तेल काला और नीला कपड़ा का दान देना चाहिए.
शनिदेव को समर्पित मंत्र
शनि महामंत्र
ऊं नीलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनिश्चरम।।
शनि दोष निवारण मंत्र
ऊं त्र्यंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात्।।
शनि का वैदिक मंत्र
ऊं भगभवाय विद्महैं मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनि: प्रचोद्यात्।
ऊं शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शंयोरभिश्रवन्तु न:।
शनि का तांत्रिक मंत्र
ऊं प्रां प्रीं प्रौं शनिश्चराय नमः।
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