Shani Surya Yuti: शनि-सूर्य की युति इन दो राशियों पर डालेगी विशेष प्रभाव, जानें राशिफल ज्योतिषीय उपाय के साथ
Shani Surya Yuti: कुंभ राशि (Kumbh Rashi) में शनि (Shani Dev) और सूर्य की युति बनी हुई है. सूर्य-शनि का रिश्ता पिता और पुत्र का है. ये युति इन राशियों का कष्ट दे सकती है.

Shani Surya Yuti: शनिवार का दिन शनि देव (Shani Dev) को समर्पित है. जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ होकर विराजमान हैं. या सूर्य कमजोर हैं उनके लिए 25 फरवरी 2023 का दिन विशेष है. इस दिन पंचांग के अनुसार शनिवार को फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है. इस दिन भरणी नक्षत्र रहेगा. चंद्रमा का गोचर मेष राशि में हो रहा है. इस दिन वे कौन से उपाय हैं जो सूर्य और शनि की अशुभता से बचा सकते हैं? जानते हैं-
तुला राशि वालों के लिए सूर्य-शनि की युति का फल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुला राशि में शनि जहां उच्च के होकर शुभ फल प्रदान करते हैं वहीं सूर्य इस राशि में नीच के हो जाते हैं. जब कोई ग्रह अपनी नीच राशि में होता है तो वो शुभ फल प्रदान नहीं करता है और उस ग्रह से संबंध समस्याएं प्रदान करता है. इसलिए तुला राशि वालों को 25 विशेष सर्तकता बरतने की आवश्यकता है.
सूर्य और शनि की युति आपके कामों में रूकावट पैदा कर सकती है. यही नहीं ऑफिस या वर्कस्पेस में परिश्रम के अनुसार फल नहीं मिलेगा. इसके साथ ही जहां पर आप कार्य करते हैं वहां प्रतिद्वंदी आपकी छवि को प्रभावित कर सकते हैं. घर में सदस्यों के साथ मतभेद जैसी स्थिति भी बन सकती है.
उपाय: शनिवार के दिन शनि मंदिर में शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं. शनि चालीसा का पाठ करें. इसके बाद शनि से जुड़ी चीजों का दान करें.
मेष राशि वाले रहें सावधान
शनि जब मेष राशि में गोचर करते हैं तो यहां वे नीच के हो जाते हैं. मेष राशि में शनि की स्थिति शुभ फलदायी नहीं मानी गई है. शनि न्याय के देवता है. ये कर्म का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसलिए गलत कार्यों को करने से बचने की आवश्यकता है, नहीं तो शनि भंयकर दंड देने का काम करते हैं. शनि-सूर्य की युति आपके लिए कुछ मानसिक तनाव जैसी स्थिति पैदा कर सकती है. जो लोग विवाह के योग्य हैं उनके विवाह में कुछ बाधाएं आ सकती हैं. वाणी पर संयम रखने की जरुरत है. नहीं तो आपसी संबंध खराब हो सकते हैं. विद्यार्थियों को सलाह है कि वे गलत संगत से दूर रहें.
उपाय: शनिवार के दिन सूर्योदय से पहले पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इसके बाद दूध चढ़ाएं. शनि मंत्र का जाप करें.
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