Shani Dev: कालभैरव की पूजा करने से शनिदेव होते हैं शांत, इन 5 राशियों पर है शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या
Mahima Shani Dev Ki: शनिदेव शनिवार की पूजा से विशेष प्रसन्न होते हैं. लेकिन जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या चल रही है वे रविवार को कालभैरव की पूजा से भी शनि को शांत रख सकते हैं.

Kaal Bhairav Puja: शनिदेव को ज्योतिष शास्त्र में एक क्रूर ग्रह माना गया है. शनि को श्राप मिला हुआ है कि जिस पर भी वे अपनी दृष्टि डालेंगे उसका अहित आरंभ हो जाएगा. इसलिए शनिदेव अपनी दृष्टि को सदैव नीचे करके रखते हैं. शनिदेव शनिवार की पूजा से प्रसन्न होते हैं. शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है. लेकिन रविवार की पूजा से भी शनिदेव को शांत किया जा सकता है.
कालभैरव की पूजा भगवान कालभैरव की पूजा से भी शनिदेव शांत होते हैं. ऐसा माना जाता है कि शनि जब अधिक अशुभ फल देने लगें तो कालभैरव की पूजा करनी चाहिए. कालभैरव की पूजा से शनिदेव विशेष शांत होते हैं. कालभैरव भगवान शिव के ही अवतार माने गए हैं. कालभैरव की पूजा के लिए बुधवार, गुरुवार और रविवार का दिन उत्तम माना गया है. 21 मार्च को रविवार का दिन है.
कालभैरव कौन है? पौराणिक मान्यता के अनुसार काल भैरव का आविर्भाव मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रदोष काल में हुआ था. कालभैरव भगवान शिव का साहसिक युवा रूप है. कहा जाता है कि कालभैरव की पूजा करने से व्यक्ति को शत्रु से मुक्ति, संकट, कोर्ट कचहरी के मुकदमों में विजय प्राप्त होती है. कालभैरव की पूजा करने से साहस में वृद्धि होती है. व्यक्ति का भय समाप्त हो जाता है. इसके साथ अज्ञात भय से भी मुक्ति मिलती है. भगवान काल भैरव को भगवान शिव का रुद्रावतार माना गया है.
शनि परेशान करें तो कालभैरव की पूजा करें कालभैरव की पूजा करने से शनि शांत होते हैं. वर्तमान समय में धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढे़साती और मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. वे रविवार के दिन कालभैरव के मंदिर में पूजा करें. काल भैरव की पूजा करने से शनि की अशुभता में कमी आती है और परेशानी और बाधाएं दूर होती हैं. इस दिन मंदिर में जलेबी का प्रसाद चढ़ाए और कुत्तों को भोजन कराएं.
काल भैरव का मंत्र ॐ कालभैरवाय नम:
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