संकष्टी चतुर्थी 2021: 29 मई को गणेश जी की पूजा का बन रहा है विशेष शुभ योग, जानें चंद्र दर्शन समय और एकदंत की कथा
Sankashti Chaturthi 2021 Dates and Time: 29 मई, शनिवार को ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है. इस तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. यह चतुर्थी की तिथि भगवान गणेश जी को समर्पित है.

Sankashti Chaturthi 2021 Date: ज्येष्ठ मास आरंभ हो चुका है. ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना गया है. इसे एकदंत चतुर्थी भी कहा जाता है. शनिवार के दिन चतुर्थी की तिथि होने से इस दिन गणेश पूजा के साथ शनि देव की पूजा का भी संयोग बना हुआ है.
गणेश जी को इस वजह से कहा जाता है एकदंत, जानें कथा
एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शंकर और माता पार्वती एक बार अपने शयन कक्ष में विश्राम कर रहे थे. भगवान शंकर और माता पार्वती ने गणेश जी को द्वार पर बैठा दिया और कहा कि किसी को अंदर न आने दें. माता पिता की आज्ञा पा कर गणेश जी द्वार पर सावधान की मुद्रा में बैठ गए. तभी वहां पर परशुराम जी आ गए और उन्होने भगवान शंकर से मिलने की बात कही, लेकिन गणेश जी ने ऐसा करने से माना कर दिया. इस पर परशुराम जी को क्रोध आ गया और उन्होने अपने फरसे से उनका एक दांत तोड़ दिया. तब से गणेश जी का एकदंत कहा जाने लगा.
शनिवार को चतुर्थी की तिथि बन रहा है शुभ योग
इस बार की एकदंत संकष्टी चतुर्थी बहुत ही विशेष है. पंचांग के अनुसार 29 मई, शनिवार को शुभ योग का निर्माण हो रहा है. शुभ योग को पंचांग के अनुसार उत्तम योग माना गया है. चतुर्थी तिथि का आरंभ 29 मई को प्रात: 06 बजकर 33 मिनट से होगा. तिथि का समापन 30 मई, रविवार को प्रात: 04 बजकर 03 मिनट पर होगा.
चंद्र दर्शन का समय
संकष्टी पूजन में चंद्र दर्शन का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन चंद्रोदय रात्रि 10 बजकर 30 मिनट पर को होगा. संकष्टी व्रत का समापन चंद्रोदय के बाद ही अच्छा माना गया है.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL
















