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Makar Sankranti 2023: आज शाम इतने बजे तक ही रहेगा पुण्य काल, उससे पहले कर लें स्नान-दान का काम
Makar Sankranti Shubh Muhurt: मकर संक्रांति में पुण्य काल का विशेष महत्व माना जाता है. इस अवधि में किए गए कार्य बेहद फलदायी माने जाते हैं. आज से ही सारे शुभ कार्यों की भी शुरुआत होती है.
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Makar Sankranti: देश भर में आज सुबह से ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है. आज के दिन लोग पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं. मकर संक्रांति के दिन सूरज दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं. इसी के साथ सभी शुभ कार्यों का समय शुरू हो जाता है. मकर संक्रांति के दिन स्नान-दान का खास महत्व होता है. माना जाता है कि आज के दिन गंगा में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है. मकर संक्रांति में पुण्य काल और महापुण्य काल का विशेष महत्व माना जाता है. इस अवधि में किए गए स्नान-दान से दोगुणा फलों की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं कि आज के दिन पुण्य काल कितने बजे तक रहने वाला है.
मकर संक्रांति का पुण्य काल समय
मकर संक्रांति के दिन सारे कार्य शुभ मुहूर्त में करने चाहिए. आज महा पुण्य काल सुबह 7:15 से 9 बजे तक का था. वहीं आज का पुण्य काल सुबह 7:15 से शुरू हो चुका है जो शाम 5:46 तक रहेगा. मान्यताओं के मुताबिक पुण्य काल में किए गए स्नान-दान का दोगुणा पुण्य मिलता है. मकर संक्रांति का दिन उत्तम पुण्य देने वाला होता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. भगवान की पूजा अर्चना करने, सूर्य देव को अर्घ्य देने, ब्राह्मणों को दक्षिणा देने और श्राद्ध आदि कर्म करने के लिए यह दिन बहुत अच्छा होता है. इस दिन खिचड़ी बनाना और खिचड़ी का दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है.
मकर संक्रांति की पौराणिक मान्यताएं
मकर संक्रांति के दिन पिता सूर्य अपने पुत्र शनि की राशि में प्रवेश करते हैं. शनि देव और सूर्य की यह स्थिति पिता-पुत्र के संबंधों को भी अच्छा बनाती है. यह पर्व देश और दुनिया में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. दक्षिण भारत में इसे पोंगल तो हरियाणा और पंजाब क्षेत्रों में इसे माघी के नाम से भी जाना जाता है. संस्कृत में इसे उत्तरायण कहा जाता है. मकर संक्रांति के दिन से सारे शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है.
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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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