वाणी दोष: जॉब, बिजनेस में दिक्कत आती है और लाइफ पार्टनर से भी नहीं बनती है. तो आप इस दोष से हो सकते हैं पीड़ित, जानें उपाय
ऑफिस में मान सम्मान नहीं मिल रहा है या फिर लाइफ पार्टनर से अनबन रहती है, तो ग्रहों को शुभ बनाने का प्रयास करें. क्योंकि ग्रहों के अशुभ होने से वाणी दोष का निर्माण होता है, जिस कारण भी इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

Jyotish Gyan: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की स्थिति मनुष्य को प्रभावित करती है. इसलिए ग्रहों को शुभ रखना बहुत ही जरूरी होता है. कई बार जानकारी न होने के कारण छोटी छोटी बातों से शुरू हुई परेशानी बड़ी समस्या का रूप ले लेती है. इसलिए समय रहते ही यदि उपाय कर लिया जाए तो समस्याओं से बचा जा सकता है. वाणी दोष, एक ऐसा ही दोष है जो व्यक्ति को गंभीर नुकसान पहुंचाता है.
वाणी दोष के लक्षण जिस व्यक्ति की जन्मकुंडली में वाणी दोष पाया जाता है. उसकी वाणी में मधुरता नहीं रहती है. ऐसे लोग चुभती हुई बात करते हैं. ये हमेशा दिल को ठेस पहुंचाने वाली बात करते हैं. इनकी वाणी में एक प्रकार की खीज और निराशा दिखाई देती है. ऐसे लोग जहां भी कार्य करते हैं, लोग उनसे धीरे-धीरे दूरी बना लेते हैं. ऐसे लोगों के सहयोगी और मित्र कम होते हैं. ऐसे व्यक्ति को बॉस की सराहना प्राप्त नहीं होती है. जीवन साथी से भी बात बात पर तर्क विर्तक और बहस की स्थिति बनी रहती है. जिस कारण दांपत्य जीवन भी प्रभावित होने लगता है.
वाणी दोष से नुकसान वाणी दोष को समय रहते दूर न किया जाए तो व्यक्ति कुंठित हो जाता है. एक समय ऐसा आता है जब वह भयंकर अवसाद से ग्रस्ति हो जाता है. ऐसे लोगों को सफल होने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. क्योंकि वाणी में मधुरता न होने से ऐसे लोग अपने छोटे- छोटे काम भी आसानी से नहीं करा पाते हैं. ऐसे लोग वाद विाद के चलते कोर्ट कचहेरी के चक्कर भी लगाते हैं. इस दोष के कारण व्यक्ति को कभी कभी अपमान भी झेलना पड़ता है.
जन्म कुंडली में वाणी दोष कैसे बनता है? जन्मकुंडली का दूसरा भाव वाणी का माना गया है. जब इस भाव पर पाप ग्रह बैठ जाए तो व्यक्ति की वाणी खराब होती है.
वाणी दोष को दूर करने के उपाय वाणी दोष को दूर किया जा सकता है. कुंडली के द्वितीय भाव में यदि पाप ग्रह मौजूद है तो उन ग्रहों को शांत रखने का प्रयास करना चाहिए. राहु और केतु में से यदि कोई भी मौजूद है तो वाणी दोष की स्थिति बनने लगती है. इसलिए राहु और केतु का उपाय करना चाहिए. इसके लिए भगवान गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. बुध ग्रह का भी वाणी से विशेष संबंध है. जब बुध ग्रह कुंडली के दूसरे भाव में होते हैं तो ऐसे व्यक्ति की वाणी बहुत ही मधुर होती है. ऐसे लोग अपनी वाणी से सभी हृदय जीत लेते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान भगवान शिव की पूजा करें रूद्राभिषेक कराएं दूसरों की बुराई तत्काल बंद कर दें गौ माता की सेवा करें गुरूजनों का आर्शीवाद लें बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा करें शाकाहार बनें, दूषित चीजों का सेवन न करें
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