Digital Mantra Jaap: मोतियों की माला छोड़ Gen Z में बढ़ रहा डिजिटल मंत्र जाप का क्रेज, जानें क्या है ये
Digital Mantra Jaap: बदलते समय में मंत्र जाप का तरीका भी बदल रहा है. आजकल लोग मंत्र जाप के लिए मोतियों की माला नहीं बल्कि डिजिटल काउंटर को अपना रहे हैं. खासकर Gen Z में इसका ट्रेंड देखा जा रहा है.

Digital Mantra Jaap Counter Trend: मंत्र जाप के लिए पारंपरिक माला, जप माला या मोतियों की माला का चलन लंबे समय से किया जा रहा है. हाथों में लंबी-लंबी मोतियों की माला लिए लोग मंत्र जप कर ईश्वर का ध्यान करते हैं. आपने भी इन मोतियों की माला में अपनी ऊंगलियों को जरूर फेरा होगा.
लेकिन डिजिटल युग में बढ़ती दुनिया अब मोतियों की माला की जगह डिजिटल मंत्र जाप काउंटर से मंत्र जप कर रही है. सेलेब्स से लेकर जानी-मानी हस्तियां और युवा इसे अपना रहे हैं. सोशल मीडिया पर यह डिजिटल गैजेट काफी ट्रेंड कर रहा है. आइए जानते हैं आखिर क्या है ये?
आस्था और टेक्नॉलॉजी का संगम है डिजिटल जाप काउंटर
बदलते समय के साथ हमारे आस-पास हर दिन कई चीजें बदल रही हैं. भक्ति के स्वरूप में भी बदलाव दिखाई देने लगा है. एक समय मंत्र जाप के लिए हाथ में मोतियों की माला होना जरूरी होता था. लेकिन अब समय बदल चुका है, आजकल डिजिटल मंत्र जाप का चलन तेजी से बढ़ रहा है. मोबाइल ऐप, स्मार्ट काउंटर, डिजिटल बीड्स और ऑनलाइन जप प्लेटफॉर्म आज की युवा पीढ़ी की भक्ति का नया माध्यम बन चुका है.
हालांकि कई बार बदलाव केवल सुविधा के लिए ही नहीं होते, बल्कि इससे जीवनशैली में भी कई परिवर्तन होने के संकेत मिलते हैं. आज का दौर समय की कमी, तेज रफ्तार जिंदगी और तकनीक की गहराई से जुड़ा हुआ है. ऐसे में भक्ति भी उसी रास्ते पर आगे बढ़ रही है. डिजिटल मंत्र जाप के माध्यम से सिर्फ युवा ही नहीं बल्कि कई लोग सुबह ऑफिस जाते समय, यात्रा के दौरान या रात में सोने से पहले मंत्र जप करते हैं. इसलिए डिजिटल मंत्र जाप काउंटर को आस्था और तकनीक का संगम कहा जा सकता है.

डिजिटल मंत्र जाप काउंटर क्या है
डिजिटल मंत्र जाप का मतलब है मोबाइल ऐप या फिर किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस या गैजेट्स की सहायता से मंत्रों का जप करना. इसमें आप मोबाइल ऐप पर मंत्रों की गिनती कर जप कर सकते हैं, स्क्रीन पर मंत्र का उच्चारण, ऑडियो के जरिए मंत्र सुनते हुए जप करना, स्मार्ट रिंग या डिजिटल बीड्स आदि जैसे कई विकल्प शामिल होते हैं. इनमें सबसे बड़ी सुविधा यह होती है कि, आपको मंत्र जप करते समय बार-बार मंत्रों की संख्या की गिनती नहीं करनी पड़ती. इनमें जप की संख्या अपने आप रिकॉर्ड हो जाती है.
क्या खत्म हो जाएगी माला जप की परंपरा
भक्त के साथ ही भक्ति के भाव भी अलग-अलग होते हैं. विद्वानों की माने तो, यह कहना गलत होगा कि, डिजिटल मंत्र जप काउंटर से माला जप की परंपरा खत्म हो जाएगा. शास्त्रों में मंत्र जपने के लिए तुलसी या रुद्राक्ष की माला का विशेष महत्व होता है. पारंपरिक मालाओं से जप करना अधिक श्रेष्ठकर माना जाता है, क्योंकि शास्त्रों में इसी का उल्लेख किया गया है.
शास्त्रों में बनाए नियम आस्था और सेहत दोनों के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं. परंपरागत रूप से मोतियों का घर्षण एक्यूप्रेशर का काम करता है. हालांकि बदलते दौर में भले ही भक्ति का माध्यम बदल जाए, लेकिन भावना बनी रहती है. यदि सच्चे भाव, श्रद्धा और नियम पूर्वक मंत्र जाप किया जाए तो, माध्यम का प्रभाव नहीं पड़ता.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL


















