एक्सप्लोरर

Research Disclosed: खेती-किसानी के लिये 90% से ज्यादा जंगलों की कटाई, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता

Tropical Deforestation: साइंस पत्रिका में प्रकाशित इस शोध में बताया गया है कि यह समस्या अलग-अलग देशों के हिसाब से अलग-अलग स्तर पर है, जिसके समाधान के लिये नीति निर्माण पर ध्यान देना चाहिये.

Deforestation For Agriculture: दुनियाभर में बढ़ती आबादी के कारण खाद्यान्न आपूर्ति (Food Supply) का मसला खड़ा होता जा रहा है. एक तरफ जलवायु परिवर्तन के कारण खाद्यान्न फसलों का उत्पादन (Decrease Crop Production) घटता जा रहा है. दूसरी तरफ बड़े पैमाने पर खेती करने के लिये उष्णकटिबंधीय इलाकों (Deforestation in Tropical Area) में 90 से 99 प्रतिशत जंगलों की कटाई की जा रही है, जिससे बिना पेड़ों वाली खेती (Farming without Tree) के लिये दो-तिहाई जमीन बढ़ती जा रही है. यह एक ताजा अध्ययन का परिणाम है, जिसे वैज्ञानिकों और जंगल विशेषज्ञों के सहयोग से साइंस पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.

इससे जंगलों की कटाई और खेती के बीच काफी तनावपूर्ण संबंध नजर आता है, जिसके लिये वैज्ञानिकों ने कई उपाय भी साझा किये हैं. दरसअल इस शोध में बताया गया है कि खेती के लिये करीब 80 फीसदी से अधिक उष्णकटिबंधीय जंगलों की कटाई हुई है. यह समस्या पिछले एक दशक में काफी बढ़ती हुई नजर आ रही है. 

जंगलों की कटाई पर बड़ा खुलासा
दरसअल यह मामला कॉप 26 में वनों पर ग्लासगो घोषणा के बाद और संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (कॉप 15) 2022 से पहले सामने आया है, जिससे अब जंगलों की कटाई को रोकने, इससे जुड़े पहलुओं पर काम करने और परिस्थितियों का मूल्यांकन करने में खास मदद मिलेगी. इस मामले में  स्वीडन के चल्मर्स यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रमुख शोधकर्ता फ्लोरेंस पेंड्रिल बताते है कि हमारी समीक्षा से स्पष्ट होता है कि उष्णकटिबंधीय इलाकों में 90 से 99 प्रतिशत जंगलों की कटाई के लिये प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि जिम्मेदार है.

जंगलों की कटाई के लिये जिम्मेदार कारकों में 45 से 65 प्रतिशत के बीच का हिस्सा खेती के जिम्मेदार है. बता दें कि बिना पेड़ वाली जमीन पर भी तेजी से खेती-किसानी के क्षेत्र का विकास-विस्तार हो रहा है, जिससे जंगलों की कटाई को कम करने और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने वाले उपायों को अपनाने में सहायता मिलेगी. 

क्या है पूरा मामला
पूरी दुनिया जानती है कि ट्रॉपिकल फॉरेस्ट यानी उष्णकटिबंधीय जंगलों की कटाई के पीछे खेती-किसानी का विस्तार है, जिसके कारण ना जाने कितने ही जंगल खाली खेतों में तब्दील हो चुके हैं. रिसर्च की मानें तो साल 2011-2015 के बीच यह 43 से 96 लाख हेक्टेयर प्रति वर्ष के हिसाब से बढ़ रहा था, जो अब 64 से 88 लाख हेक्टेयर प्रति वर्ष तक पहुंच गया है. खेती के लिये जंगलों की कटाई के लिये खेती के साथ-साथ अकेले चरागाह, सोया और ताड़ का तेल भी जुड़ा हुआ है.

इस मामले में स्टॉकहोम पर्यावरण संस्थान के डॉ टोबी गार्डनर बताते हैं कि जंगलों की कटाई को रोकने के लिये कुछ सुरक्षात्मक उपाय करने जरूरी है, जिनमें जंगलों की कटाई के बाद निकलने उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना शामिल है. इससे दुनियाभर में जंगलों की कटाई को रोकने में काफी मदद मिल सकती है.

वैज्ञानिकों ने सुझाये उपाय
जंगलों की कटाई पर हुये शोध के मुताबिक डॉ. गार्डनर बताते है कि कृषि उत्पादक देशों में जंगल और भूमि उपयोग संबंधी नियमों को सख्त बनाना भी एक उपाय है. इसके लिये कृषि उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला और मांग पक्ष की तरफ से भी कुछ उपाय किये जाने चाहिये. इसी के साथ-साथ जो खेती जंगली की कटाई से जुड़ी हुई है, वहां ग्रामीण विकास के उपाय करने होंगे, ताकि जंगलों की कटाई को रोका जा सके. इसमें सरकार को भी कुछ प्रोत्साहन आधारित उपाय करने चाहिये, जिससे स्थाई कृषि को बढ़ावा मिलेगा और खतरों का प्रबंधन करने में मदद मिलेगी.

शोध में यह चिंता भी जताई गई है कि जंगलों की कटाई के कारण पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, जिसकी रोकथाम के लिये स्थायी ग्रामीण विकास (Rural Development)  को बढ़ावा देने के लिए प्रयासों में भी बदलाव लाने की जरूरत है. फिलहाल, जलवायु (Climate Change) और जैव विविधता के नुकसान, जंगलों की कटाई की रोकथाम (Deforestation) और टिकाऊ कृषि (Sustainable Agriculture) को बढ़ावा देने के लिए वनों पर ग्लासगो घोषणा (Glasgow Declaration on Forests) ने नये लक्ष्यों की स्थापना की है. साइंस पत्रिका में प्रकाशित इस रिसर्च (Agriculture Research) में शोधकर्ताओं ने जताया है कि यह समस्या अलग-अलग देशों के हिसाब से अलग-अलग स्तर पर है, जिसके लिये नीति निर्माण पर ध्यान देना चाहिये. 

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

इसे भी पढ़ें:-

Crop Special: कौन-कौन सी खेती हैं जो पहले ज्यादा होती हैं, और अब बहुत कम हो गई हैं

Nutritious Cereals: पोषक अनाजों की इन फसलों से सुधरेगी किसानों की दशा, दोगुनी होगी आमदनी

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

शरद पवार के डिनर में अजित पवार हो सकते हैं शामिल, साथ आने की चर्चा फिर तेज
शरद पवार के डिनर में अजित पवार हो सकते हैं शामिल, साथ आने की चर्चा फिर तेज
'आपके हिसाब से नहीं चलेगी संसद...', लोकसभा में भयंकर बहस, राहुल गांधी ने टोका तो अमित शाह ने दिया जवाब
'आपके हिसाब से नहीं चलेगी संसद...', लोकसभा में भयंकर बहस, राहुल ने टोका तो अमित शाह ने दिया जवाब
बुमराह या नसीम शाह, 1 ओवर में 10 रन बचाने के लिए किसे ओवर देंगे? बाबर आजम के जवाब से दुनिया हैरान
बुमराह या नसीम शाह, 1 ओवर में 10 रन बचाने के लिए किसे ओवर देंगे? बाबर आजम के जवाब से दुनिया हैरान
कौआ कहकर स्कूल में चिढ़ाते थे बच्चे, जब वी मेट में नजर आ चुकी है ये एक्ट्रेस, पहचाना?
कौआ कहकर स्कूल में चिढ़ाते थे बच्चे, जब वी मेट में नजर आ चुकी है ये एक्ट्रेस, पहचाना?

वीडियोज

Aniruddhacharya Controversy: 'बेशर्म' बोल पर लगेगा ब्रेक? | ABP News | Khabar Gawah Hai
Tanya Mittal Interview, BB19 Grand Finale, Neelam Giri और Gaurav Khanna पर खास बातचीत
IndiGo Flight Crisis: 5000 Flights Cancel! क्या आपका Refund भी फंसा है? |Paisa Live
IPO Alert: Nephrocare Health IPO में Invest करने से पहले जानें GMP, Price Band, subscription status
Census 2027 High Tech: Real Time Monitoring से बदल जाएगा पूरा System | Paisa Live

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
शरद पवार के डिनर में अजित पवार हो सकते हैं शामिल, साथ आने की चर्चा फिर तेज
शरद पवार के डिनर में अजित पवार हो सकते हैं शामिल, साथ आने की चर्चा फिर तेज
'आपके हिसाब से नहीं चलेगी संसद...', लोकसभा में भयंकर बहस, राहुल गांधी ने टोका तो अमित शाह ने दिया जवाब
'आपके हिसाब से नहीं चलेगी संसद...', लोकसभा में भयंकर बहस, राहुल ने टोका तो अमित शाह ने दिया जवाब
बुमराह या नसीम शाह, 1 ओवर में 10 रन बचाने के लिए किसे ओवर देंगे? बाबर आजम के जवाब से दुनिया हैरान
बुमराह या नसीम शाह, 1 ओवर में 10 रन बचाने के लिए किसे ओवर देंगे? बाबर आजम के जवाब से दुनिया हैरान
कौआ कहकर स्कूल में चिढ़ाते थे बच्चे, जब वी मेट में नजर आ चुकी है ये एक्ट्रेस, पहचाना?
कौआ कहकर स्कूल में चिढ़ाते थे बच्चे, जब वी मेट में नजर आ चुकी है ये एक्ट्रेस, पहचाना?
Kidney Damage Signs: आंखों में दिख रहे ये लक्षण तो समझ जाएं किडनी हो रही खराब, तुरंत कराएं अपना इलाज
आंखों में दिख रहे ये लक्षण तो समझ जाएं किडनी हो रही खराब, तुरंत कराएं अपना इलाज
घरेलू एयरलाइंस में कितने पायलट, अब विदेशी पायलटों को भारत में कैसे मिल सकती है नौकरी?
घरेलू एयरलाइंस में कितने पायलट, अब विदेशी पायलटों को भारत में कैसे मिल सकती है नौकरी?
गर्म पानी और शहद पीने से होते हैं बड़े फायदे, टॉप-10 तुरंत कर लें नोट
गर्म पानी और शहद पीने से होते हैं बड़े फायदे, टॉप-10 तुरंत कर लें नोट
कितनी है IndiGo के सीईओ की सैलरी? रकम जान नहीं होगा यकीन
कितनी है IndiGo के सीईओ की सैलरी? रकम जान नहीं होगा यकीन
Embed widget