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Rice Procurement: चावल खरीद का लक्ष्य 600 लाख टन, टारगेट पाने से चूक सकती है केंद्र सरकार, ये प्लान तैयार
केंद्र सरकार ने धान खरीद का लख्य 600 लाख टन रखा था. लेकिन सरकार अभी इस आंकड़े से दूर है. अब जो ताजा अनुमान सामने आए हैं उनके अनुसार, केंद्र सरकार 592 लाख टन धान खरीद सकती है.
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Paddy Procurement: देश में अनाज का कोई संकट नहीं है. गेहूं, धान, दलहन, तिलहन व अन्य फसलें भरपूर मात्रा में हुई हैं. केंद्र सरकार प्रत्येक फसल की खरीद का अपने स्तर से हिसाब किताब रख रही है. देश में गेहूं की बुवाई चल रही है. 27 जनवरी तक गेहूं बुवाई का रकबा 700 लाख हेक्टेयर पार कर गया है. अभी यह और भी अधिक बढ़ने की उम्मीद है. वहीं, चावल खरीद को लेकर भी परेशान होने की जरूरत है. केंद्र सरकार ने आश्वस्त किया है कि देश में किसी भी हाल में घरेलू खपत के स्तर पर चावल की कमी नहीं होने दी जाएगी.
592 लाख टन तक हो जाएगी चावल खरीद
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खरीफ चावल उत्पादन में गिरावट आने का अनुमान है. बावजूद इसके सरकार की चावल खरीद सितंबर में समाप्त होने वाले विपण वर्ष 2022-23 में पिछले साल के 592 लाख टन के स्तर तक पहुंच सकती हैं. यानि स्पष्ट है कि देश में चावल पिछले साल की अपेक्षा मुश्किल ही कम होगा.
600 लाख टन रखा था खरीद का लक्ष्य
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अशोक के मीणा ने बताया कि धान की खरीद का लख्य 600 लाख रखा गया है. 26 जनवरी तक देश में 426 लाख टन चावल की खरीद की चुकी है. पिछले साल इसी अवधि तक यह खरीद 410 लाख टन थी. इस बार धान खरीद पिछले साल के 592 लाख टन के स्तर तक पहुंच जाएगी. केंद्र सरकार धान खरीद पर नजर रखे हुए है. प्रारंभिक अनुमानों के अनुसर देश का चावल उत्पादन फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में 10 करोड़ 49.9 लाख टन रहने का अनुमान है. यह पिछले साल 11 करोड़ 17.6 लाख टन था.
34 रुपये प्रति किलो चावल खरीद सकती हैं
वहीं, केंद्र सरकार ओपन मार्केट में चावल की कीमत कम करने की तैयारियों में भी जुट गई है. केंद्र सरकार ने चावल खरीद को लेकर नई गाइडलाईन जारी कर दी हैं. सभी राज्यों के लिए गाइडलाईन जारी की गई हैं कि राज्य सरकारें फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) से 3400 रुपये प्रति क्विंटल चावल खरीद सकते हैं. राज्यों को चावल 34 रुपये प्रति किलोग्राम मिलेगा. केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्य में गरीबों के विकास के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
इन योजनाओें के संचालन के लिए भी इसी दर पर एफसीआई से चावल खरीदा जा सकता है. इस धान खरीद के लिए किसी तरह के टेंडर या ई-नीलामी को जरूरी नहीं किया है. एफसीआई से राज्यों को दिए जाने वाले चावल में फोर्टिफाइड चावल भी मौजूद रहेंगे. इन चावलों की खपत से राज्यों में सरकारी योजनाओं का संचालन हो सकेगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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