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Sandalwood Farming: बहुत महंगा बिकता है चंदन... तो जानते हैं आप भी इसे उगाकर कैसे कर सकते हैं मोटी कमाई

Most Expensive Tree: चंदन एक परजीवी पौधा है, जो अकेले नहीं बढ़ता, बल्कि इसके साथ में एक होस्ट पौधा भी लगाना होता है. किसान चाहें तो मालाबार नीम के साथ चंदन के पौधे लगाकर खेती कर सकते हैं.

Sandalwood Tree Farming: चंदन को भारत की सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक मानते हैं. धार्मिक कार्यों से लेकर आयुर्वेद, कॉस्मेटिक और लक्जरी फर्नीचर बनाने में भी चंदन का खूब इस्तेमाल होता है. चंदन की लकड़ी आमतौर पर मंहगी होती है, क्योंकि इसे उगाने में भी किसानों को काफी मेहनत करनी होती है. यही मिट्टी, जलवायु और पौधों की सही देखभाल के बाद ही एक चंदन का पेड़ तैयार होता है, जो बाजार में 5 से 6 लाख रुपये में बिकता है.

पूरी दुनियाभर में चंदन की भारी डिमांड है, इसलिये भारत सरकार भी चंदन की खेती के लिए किसानों को प्रेरित कर रही है. खास बात ये है कि चंदन की खेती तो कोई भी किसान कर सकता है, लेकिन इसके निर्यात का हक सिर्फ सरकार के पास है. अगर किसान पूरी लगन और मेहनत से चंदन की खेती (Sandalwood Farming) करें तो कुछ ही साल में करोड़पति भी बन सकते हैं.

दुनिया में चंदन के वन
पूरी दुनिया आज चंदन की खेती का महत्व समझ रही है. भारत, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, हवाई और प्रशांत द्वीप समूह में चंदन की कई किस्मों के पेड़ मिलते हैं. चंदन की बढ़ती मांग के मद्देनजर अब उत्तर भारत में भी चंदन की खेती को बढ़ावा मिल रहा है. यहां कई किसान ऐसे हैं, जो नर्सरी में चंदन के उन्नत पौधे तैयार करके किसानों को उपलब्ध करवाते हैं.

वहीं कुछ किसान अब भविष्य की जमापूंजी के तौर पर खेत की मेड़ों पर चंदन लगा रहे हैं. चंदन के पेड़ से लकड़ी, पाउडर, तेल और पत्तियों का प्रॉडक्शन लिया जाता है. चंदन की कीमत पूरी तरह इसकी किस्म पर निर्भर है. चंदन की लाल(Red Sandalwood), पीली और सफेद लकड़ी वाली प्रजातियां होती है, जिसमें लाल रंग का चंदन सबसे मंहगा होता है. 


Sandalwood Farming: बहुत महंगा बिकता है चंदन... तो जानते हैं आप भी इसे उगाकर कैसे कर सकते हैं मोटी कमाई

किस काम आता है चंदन
चंदन को एक औषधीय पेड़ की उपाधि मिली है, जिसकी जड़ों से लेकर छाल, लकड़ी और पत्तियां तक अच्छे दामों पर बिकती है. बता दें कि चंदन की पत्तियों को पशु चारे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. चंदन को एक्सट्रेक्ट करके तेल निकाला जाता है, जो लाखों के भाव बिकता है.

आयुर्वेद में भी चंदन से चर्म रोग और कई प्रकार की चिकित्सा की जाती हैं. आजकल ब्यूटी प्रॉडक्ट्स में भी चंदन का खूब इस्तेमाल हो रहा है. धार्मिंक कार्यों में हवन से लेकर अंत्येष्टि और तिलक-छापे में भी चंदन की अहम भूमिका होती है. वहीं लाल चंदन से भी कई वाद्य यंत्र, लक्जरी फर्नीचर, नक्काशी और तमाम पाठ-पूजा के काम किये जाते हैं.

चंदन का पेड़
इस बीच ध्यान रखने वाली बात ये है कि चंदन एक परजीवी पौधा है, जो अकेले नहीं बढ़ सकता, बल्कि इसके बेहतर विकास के लिए साथ में एक होस्ट पौधा भी लगाना होता है. किसान चाहें तो मालाबार नीम के बाग में चंदन के पौधों की रोपाई कर सकते हैं. शुरुआती 8 साल तक चंदन के पौधे को खास देखभाल की जरूरत नहीं होती, लेकिन 8 साल के बाद जब पेड़ की खुशबू बढ़ने लगे तो जानवरों के आंतक से बचाने के लिए चंदन के पेड़ की घेराबंदी की जाती है. 

चंदन की खेती
भारत में चंदन की खेती दो तरीके से की जा रही है, जिसमें जैविक और पारंपरिक तरीका शामिल है. एक तरफ जैविक तरीके चंदन की खेती करने पर 10 से 15 साल में लकड़ी का प्रॉडक्शन मिल जाता है. वहीं पारंपरिक खेती करने पर 20 से 25 साल में चंदन की लकड़ी से लाभ कमा सकते हैं.  

चंदन का पेड़ लगभग हर तरह की मिट्टी, जलवायु और तापमान में तैयार हो जाता है, लेकिन इसके क्वालिटी प्रॉडक्शन के लिए गर्म वातावरण, आर्द्र जलवायु और तापमान 12 से 35 डिग्री सेल्सियस तक ही होना चाहिये.

  • चंदन की खेती करने से पहले मिट्टी की जांच अवश्यक करवायें, क्योंकि चंदन के लिए अच्छी उपजाऊ बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी रहती है. मिट्टी का पीएच मान भी 6.5 से 7.5 तक  अनुकूल रहता है.
  • चंदन की खेती के लियए जल-निकासी की व्यवस्था भी करनी चाहिये, क्योंकि ये पेड़ जल भराव नहीं झेल सकता. वहीं समय-समय पर जैविक खाद की भी जरूरत पड़ती है.
  • चंदन के वन या पेड़ों की सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन यानी टपक सिंचाई को ही सबसे बेहतर मानते हैं.


Sandalwood Farming: बहुत महंगा बिकता है चंदन... तो जानते हैं आप भी इसे उगाकर कैसे कर सकते हैं मोटी कमाई

लागत और कमाई
चंदन का एक ही पौधा 100 से 150 रुपये की कीमत पर मिल जाता है. बाकी चंदन की प्रजाति पर निर्भर करता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो एक हेक्टेयर जमीन पर चंदन के 600 पौधे लगाए जा सकते हैं, जिनसे 12 साल बाद 30 करोड़ तक की कमाई पक्की है. चंदन के एक ही पेड़ की लकड़ी का वजन 15 से 20 किलो तक होता है, जो बाजार में 2 से 6 लाख तक में बिकती है. बाजार में प्रति किलोग्राम चंदन 5 से 8 हजार रुपये (Sandalwood Price) तक के भाव पर बिकता है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय में चंदन की बढ़ती मांग के बीच इसकी लकड़ी 10,000 रुपये किलो में भी बिक जाती है. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

यह भी पढ़ें- किसानों के लिए खुशखबरी! सरकारी गोदाम में अनाज रखने पर मिलेगी 30% की छूट, प्रति क्विंटल सिर्फ इतना चार्ज

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