Stray Animals: एक ही बार में 50 जंगली सुअर और नील गायों को मारने के निर्देश, मुखिया की परमिशन से होगा काम
Crop Loss: रबी फसलों को बर्बाद करने वाले जंगली सुअर और नील गाय (घोड़परास) को मारने के आदेश गांव के मुखिया देंगे. बिहार के गैर वन क्षेत्रों में एक बार 50 जानवरों को मारने की परमिशन दी जा सकती है.
Stray Animals in Crop: देश के ज्यादातर इलाकों में आवारा पशुओं ने किसानों की सिर दर्दी को बढ़ा दिया है. आए दिन किसानों को नील गाय औक जंगली सूअरों के आंतक से जूझना पड़ रहा है. ये जंगली पशु झुंड में आते हैं और फसलों में उत्पात मचाना चालू कर देते हैं. इस कड़कड़ाती सर्दी में रातभर फसल की निगरानी करना भी मुमकिन नहीं, जिसका फायदा जंगली जानवरों को मिल रहा है. नीलगाय और जंगली सूअर रातोंरात फसलों को साफ कर जाते हैं, जिससे किसानों की निराशा बढ़ती जा रही है.
ताजा खबरों की मानें को अब बिहार के किसानों को इस समस्या से मुक्त करवाया जाएगा. इस मामले में बिहार के पंचायती राज और वन, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन विभाग ने एक बार में 50 जंगली जानवरों को मारने के संयुक्त और विस्तृत आदेश जारी कर दिए हैं.
पंचायतों के मुखिया देंगे परमिशन
अब यदि बिहार के किसी भी गांव में नील गाय या जंगली सूअरों ने रबी फसलों में नुकसान किया तो किसानों की गुहार पर पंचायतों के मुखिया एक बार में 50 जानवरों को मारने की परमिशन दे सकते हैं. इस संबंध में पंचायतों के लिए पंचनामा भी तैयार कर दिया गया है, जिसकी अनुशंसा के आदेश जारी हो चुके हैं.
इसके तहत किसानों और ग्रामीणों की शिकायत मिलने पर खुद मुखिया गांव के बुजुर्गों, पंच और प्रभावित किसान के साथ खेतों में जाकर निरीक्षण करेंगे और पंचों की मदद से पंचनामा तैयार करेंगे, जिसमें लिखा होगा कि नील गाय और जंगली सूअरों को मारने का आदेश मुखिया ने जारी किया है और इस प्रविधान का पालन किया जाए.
इसके बाद वन परिसर पदाधिकारी और वन उप परिसर पदाधिकारी को जंगली सूअर और नील गाय को शूट करने की अनुशंसा करेंगे. वो भी फील्ड का निरीक्षण करके ही अनुमति प्रदान करेंगे.
लाइसेंसी निशानेबाज करेंगे शूटिंग
बिहार के गांव में नील गाय और जंगली सूअरों को खत्म करने के लिए आगे का काम मुख्य वन प्राणी प्रतिपालक भी देखेंगे. सरकार से लिस्टेड लाइसेंसी निशानेबाजों को काम पर लगाया जाएगा. इन नील गाय और जंगली सूअरों को मारने वाले निशानेबाजों को 750 रुपये और गाड़ने वालों को 1,250 रुपये का भुगतान किया जाएगा. यह पूरी प्रक्रिया मुखिया की लिखित शिकायत मिलने पर गैन-वन क्षेत्रों में की जाएगी.
बिहार सरकार के दिशा-निर्देश
पिछले कुछ दिनों से किसान और जनप्रतिनिधि जंगली सूअर और नील गायों से तंग आ चुके हैं. इस संबंध में कृषि विभाग को भी कई बार शिकायतें लिखी गई. खरीफ फसलों में नुकसान झेलने के बाद किसानों की उम्मीद रबी फसलों से थीं, लेकिन अब उस पर भी पानी फिरता जा रहा है.
इस संबंध में काफी सोचने के बाद नए सिरे से दिखा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि गैर-वन इलाकों में खेती और बागवानी को नुकसान पहुंचाने वाले जंगली सूअर और नील गाय का आतंक बढ़ता जा रहा है.
ये खेती-किसानी के लिए खतरा है, इसलिए इन्हें मारने के आदेश संबंधित क्षेत्र के मुखिया को दिए गए हैं, हालांकि कई जिलों के स्पेशलाइज प्रखंड़ों में वन क्षेत्र और गैर वन क्षेत्रों की सूची जारी की गई है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.