Agriculture Growth: बिहार के बोधगया में लोगों को पसंद आ रही हैं ये सब्जियां, किसानों की हो रही बंपर कमाई
बिहार का बोध गया धार्मिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है. सर्दियों में यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है. विशेष बात यह है कि इन दिनों यहां ब्रोकली और चाइनीज साग की मांग तेजी से बढ़ी है.

Agriculture Growth In Bihar: धार्मिक महत्व के लिहाज से देश और विदेश में बिहार का विशेष स्थान है. यहां की सड़कों पर भगवान बुद्ध घूमे और तपस्या कर ज्ञान प्राप्त भी किया. बौद्ध धर्म के अनुयायी विश्व के कई देशों में हैं. सर्दियों के सीजन में विदेशी पर्यटकों के लिए बिहार हॉटस्पॉट होता है. जैसे ही विदेशी पर्यटकों की संख्या बिहार में बढ़ जाती हैं. लेकिन अच्छी बात यह है कि विदेशी पर्यटकों से बिहार के स्थानीय लोग और किसानों की कमाई बढ़ गई है. विदेशी पर्यटक यहां आकर ठहरते हैं तो पोषक तत्वों से भरे अनाज का खाना उनकी पहली पसंद होती हैं. किसान इन अनाजों की बुवाई कर अच्छी कमाई कर लेते हैं.
ब्रोकली, चाइनीज साग बना पहली पसंद
सर्दियों में बिहार के बोधगया में विदेशी पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ जाती है. चूंकि यहां विदेशी आते हैं तो उनका ठहराव भी बोधगया में रहता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस समय बोधगया में विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद ब्रोकली और चाइनीज साग बना हुआ है. विदेशी जब भी आकर ठहरते हैं, तब इसी की डिमांड करते हैं. काफी संख्या में चीनी पर्यटक बिहार आते हैं और बोधगया में भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली का दर्शन करने के लिए जाते हैं.
ब्रोकली में इतनी होती है कमाई
बिहार के स्थानीय कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार की बड़ी आबादी ब्रोकली का सेवन करती हैं. इसके अलावा फास्ट फूड के तौर पर चाइनीज साग की मांग भी बड़ी है. यदि ब्रोकली से कमाई की बात करें तो बाजार में ब्रोकली की कीमत 50-60 रुपये प्रति पीस है. खेत से मंडी तक जाते जाते इसकी कीमत का ग्राफ बढ़ जाता है. व्यापारी किसान से 25 से 30 रुपये प्रति पीस खरीदता है, जबकि बाजार में यह पहुंचने पर यह दोगुना 60 रुपये प्रति पीस हो जाती है. किसानों का कहना है कि ब्रोकली के उत्पादन में अच्छी कमाई हो जाती है. इसके अलावा किसान चाइनीज साग का उत्पादन भी बढ़ा देते हैं. इसकी खपत भी इन दिनों में बोधगया के मार्केट में बढ़ जाती है.
क्या होती है ब्रोकली
ब्रोकली इटालियन गोभी है. यह पोष्टिकता से भरपूर होती है. केवल बिहार ही नहीं इसके पोषक तत्वों के चलते देश के अन्य राज्यों में भी इसकी डिमांड है. आमतौर पर लोग इसका प्रयोग सलाद, सूप, व सब्जी के रूप में करते हैं. हालांकि सामान्य गोभी के सापेक्ष इस गोभी की बुवाई में लागत अधिक आती है. लेकिन यह गोभी कमाई भी उतनी ही अधिक देती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि चीन से आने वाले विदेशी पर्यटक और श्रद्धालु चाइनीज खाना पसंद करते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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