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असम में वोट के लिए क्या जरूरी- काम या ध्रुवीकरण ? | Assam Elections
कुछ ही दिनों में असम में चुनाव का ऐलान हो जाएगा. असम में जाति, माटी और भेटी की बात करने वाली बीजेपी का दावा है कि उसने काफी काम किए हैं. असम में चुनाव किस मुद्दे पर लड़ा जाएगा? बीजेपी सरकार के काम पर या ध्रुवीकरण के नाम पर... ये सवाल इसलिए क्योंकि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व अपने काम गिना रहा है लेकिन असम सरकार में शिक्षा मंत्री और पावर रैंकिंग में नंबर टू हेमंत बिस्व सरमा की दिशा ही अलग नजर आ रही है. हेमंत बिस्व सरमा को बीजेपी में आए अभी मुश्किल से पांच साल हुए हैं लेकिन ध्रुवीकरण में वो किसी से पीछे नहीं हैं. सरमा की इस बात को लेकर कांग्रेस से गठबंधन करने वाले एयूआईडीएफ के नेता बदरुद्दीन अजमल भिड़ गए.
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