तुलसी से स्मृति तक की उड़ान, कैसे बढ़ा राजनीतिक कद?
पूरे 25 साल बाद डेली सोप क्वीन कही जाने वाले तुलसी विरानी पर्दे पर लौट रही हैं...क्योंकि सास भी कभी बहू थी फिर से शुरू हो रहा है। और ये खबर सुनकर एक बहुत बड़े तबके को तो अब तक यकीन नहीं हो रहा है। लोग एक दूसरे से सवाल पूछ रहे हैं कि क्या स्मृति ईरानी वाकई सीरियल की दुनिया में लौट रही हैं? दरअसल हैरानी इसलिए इतनी ज्यादा है क्योंकि पिछले करीब दो दशक से स्मृति ईरानी को देश ने बीजेपी की ऐसी कद्दावर नेता के तौर पर देखा है जिनके सामने बड़े-बड़े विरोधियों की बोलती बंद हो जाती थी। जो ना सिर्फ अमेठी से राहुल गांधी को हराकर लोकसभा तक पहुंची बल्कि केंद्रीय मंत्री के तौर पर चार्ज भी संभाला था। बीजेपी की आवाज के तौर पर पहचानी जाने वाली स्मृति इस बार लोकसभा चुनाव हार गई थीं और उनके पास पार्टी या फिर सरकार में कोई बड़ी जिम्मेदारी भी नहीं थी। और कल अचानक स्मृति के तुलसी के तौर पर वापसी वाले सास बहू सीरियल का प्रोमो रिलीज हो गया...दरअसल हर कहानी के अलग-अलग हिस्से होते हैं जैसे आज समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता याद दिला रहे हैं कि कैसे स्मृति ईरानी को अमेठी की जनता ने 1.5 लाख से ज्यादा वोटों से हरा दिया। सोशल मीडिया पर ऐसे मीम वायरल किए जा रहे हैं किशोरी लाल शर्मा की वजह से ही स्मृति को सीरियल में वापसी करनी पड़ रही है। दरअसल कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा ने ही अमेठी से स्मृति ईऱानी को हराया था। लेकिन कहानी का दूसरा हिस्सा ये भी है कि स्मृति ने राजनीतिक करियर में लंबी उड़ान भरी और वो सबकुछ करके दिखाया जिसके लिए बीजेपी उन्हें पार्टी में लेकर आई थी।


























