Makhana में करोड़ों का मुनाफा..लाचार क्यों मजदूर?Pratima Mishra की EXPOSE Report
मखाना को माना जाता है सुपर फूड...सेहत के लिए माना जाता है फायदेमंद...बिहार में 90 फीसदी मखाने का उत्पादन...बिहार के 21 जिलों में मखाने की खेती...मखाना लंबी प्रक्रिया के बाद तैयार होता है...आग के सामने घंटों काम करते हैं मजदूर...बच्चे भी मखाना फोड़ने का काम करते हैं...6 महीने छूट जाता है बच्चों का स्कूल...मेहनत के मुताबिक नहीं मिलता है पैसा...बाजार में 1500-1800 रु. किलो बिकता है...मखाने की विदेश में भी बढ़ रही है मांग...2025 में मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा हुई...100 करोड़ रु. की शुरुआती राशि दे दी गई है....मखाना को माना जाता है सुपर फूड...सेहत के लिए माना जाता है फायदेमंद...बिहार में 90 फीसदी मखाने का उत्पादन...बिहार के 21 जिलों में मखाने की खेती...मखाना लंबी प्रक्रिया के बाद तैयार होता है...आग के सामने घंटों काम करते हैं मजदूर...बच्चे भी मखाना फोड़ने का काम करते हैं...6 महीने छूट जाता है बच्चों का स्कूल...मेहनत के मुताबिक नहीं मिलता है पैसा...बाजार में 1500-1800 रु. किलो बिकता है...मखाने की विदेश में भी बढ़ रही है मांग...2025 में मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा हुई...100 करोड़ रु. की शुरुआती राशि दे दी गई है....मखाना को माना जाता है सुपर फूड...सेहत के लिए माना जाता है फायदेमंद...बिहार में 90 फीसदी मखाने का उत्पादन...बिहार के 21 जिलों में मखाने की खेती...मखाना लंबी प्रक्रिया के बाद तैयार होता है...आग के सामने घंटों काम करते हैं मजदूर...बच्चे भी मखाना फोड़ने का काम करते हैं...6 महीने छूट जाता है बच्चों का स्कूल...मेहनत के मुताबिक नहीं मिलता है पैसा...बाजार में 1500-1800 रु. किलो बिकता है...मखाने की विदेश में भी बढ़ रही है मांग...2025 में मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा हुई...100 करोड़ रु. की शुरुआती राशि दे दी गई है....मखाना को माना जाता है सुपर फूड...सेहत के लिए माना जाता है फायदेमंद...बिहार में 90 फीसदी मखाने का उत्पादन...बिहार के 21 जिलों में मखाने की खेती...मखाना लंबी प्रक्रिया के बाद तैयार होता है...आग के सामने घंटों काम करते हैं मजदूर...बच्चे भी मखाना फोड़ने का काम करते हैं...6 महीने छूट जाता है बच्चों का स्कूल...मेहनत के मुताबिक नहीं मिलता है पैसा...बाजार में 1500-1800 रु. किलो बिकता है...मखाने की विदेश में भी बढ़ रही है मांग...2025 में मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा हुई...100 करोड़ रु. की शुरुआती राशि दे दी गई है....मखाना को माना जाता है सुपर फूड...सेहत के लिए माना जाता है फायदेमंद...बिहार में 90 फीसदी मखाने का उत्पादन...बिहार के 21 जिलों में मखाने की खेती...मखाना लंबी प्रक्रिया के बाद तैयार होता है...आग के सामने घंटों काम करते हैं मजदूर...बच्चे भी मखाना फोड़ने का काम करते हैं...6 महीने छूट जाता है बच्चों का स्कूल...मेहनत के मुताबिक नहीं मिलता है पैसा...बाजार में 1500-1800 रु. किलो बिकता है...मखाने की विदेश में भी बढ़ रही है मांग...2025 में मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा हुई...100 करोड़ रु. की शुरुआती राशि दे दी गई है....मखाना को माना जाता है सुपर फूड...सेहत के लिए माना जाता है फायदेमंद...बिहार में 90 फीसदी मखाने का उत्पादन...बिहार के 21 जिलों में मखाने की खेती...मखाना लंबी प्रक्रिया के बाद तैयार होता है...आग के सामने घंटों काम करते हैं मजदूर...बच्चे भी मखाना फोड़ने का काम करते हैं...6 महीने छूट जाता है बच्चों का स्कूल...मेहनत के मुताबिक नहीं मिलता है पैसा...बाजार में 1500-1800 रु. किलो बिकता है...मखाने की विदेश में भी बढ़ रही है मांग...2025 में मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा हुई...100 करोड़ रु. की शुरुआती राशि दे दी गई है....मखाना को माना जाता है सुपर फूड...सेहत के लिए माना जाता है फायदेमंद...बिहार में 90 फीसदी मखाने का उत्पादन...बिहार के 21 जिलों में मखाने की खेती...मखाना लंबी प्रक्रिया के बाद तैयार होता है...आग के सामने घंटों काम करते हैं मजदूर...बच्चे भी मखाना फोड़ने का काम करते हैं...6 महीने छूट जाता है बच्चों का स्कूल...मेहनत के मुताबिक नहीं मिलता है पैसा...बाजार में 1500-1800 रु. किलो बिकता है...मखाने की विदेश में भी बढ़ रही है मांग...2025 में मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा हुई...100 करोड़ रु. की शुरुआती राशि दे दी गई है....


























