खलीफा पॉलिटिक्स का विशुद्ध विश्लेषण
ईरान की जंग में अमेरिका ने 14 बंकर बस्टर बम और 30 टॉमहॉक मिसाइलों से हमला किया. ट्रंप लगातार दावे कर रहे थे कि हमने ईरान को बहुत बड़ा नुकसान किया है. अब ईरान ने भी मान लिया है कि 22 जून को अमेरिकी हमलों से उसके परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचा है. ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल वाघई ने इसकी पुष्टि की है. हालांकि वाघई ने इसकी डिटेल शेयर करने से मना कर दिया है. वहीं नाटो समिट में अमेरिकी राष्ट्पति ट्रंप की ओर से कहा गया है कि 12 दिन ईरान के लिये काफी बुरे थे. ईरान को नर्क से गुजरना पड़ा जिसके बाद परमाणु हथियार बनाने की इच्छा उसे छोडनी पड़ी. ये ट्रंप के दावे हैं जिसे ईरान कत्तई मानने को तैयार नहीं ना कहा गया है कि अपने परमाणु कार्यक्रम को वो रद्द या स्थगित करने जा रहा है. इसीलिये अब सवाल ये है कि अमेरिका द्वारा युद्ध में कूदने के बाद अचानक ऐसा क्या हुआ कि उसने सीजफायर की पूर्णाहुति की घोषणा की और फौरन इस युद्ध से बाहर निकल आया..ईरान की जंग में अमेरिका ने 14 बंकर बस्टर बम और 30 टॉमहॉक मिसाइलों से हमला किया. ट्रंप लगातार दावे कर रहे थे कि हमने ईरान को बहुत बड़ा नुकसान किया है. अब ईरान ने भी मान लिया है कि 22 जून को अमेरिकी हमलों से उसके परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचा है. ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल वाघई ने इसकी पुष्टि की है. हालांकि वाघई ने इसकी डिटेल शेयर करने से मना कर दिया है. वहीं नाटो समिट में अमेरिकी राष्ट्पति ट्रंप की ओर से कहा गया है कि 12 दिन ईरान के लिये काफी बुरे थे. ईरान को नर्क से गुजरना पड़ा जिसके बाद परमाणु हथियार बनाने की इच्छा उसे छोडनी पड़ी. ये ट्रंप के दावे हैं जिसे ईरान कत्तई मानने को तैयार नहीं ना कहा गया है कि अपने परमाणु कार्यक्रम को वो रद्द या स्थगित करने जा रहा है. इसीलिये अब सवाल ये है कि अमेरिका द्वारा युद्ध में कूदने के बाद अचानक ऐसा क्या हुआ कि उसने सीजफायर की पूर्णाहुति की घोषणा की और फौरन इस युद्ध से बाहर निकल आया..

























