गैस कनेक्शन लेने के साथ मिलता है इतने लाख का बीमा, जान लीजिए काम की बात
जब कोई नया गैस कनेक्शन लिया जाता है या पुराना रिन्यू होता है तो उपभोक्ताओं को ऑटोमेटिक एक तय बीमा कवर मिल जाता है. इसके लिए न तो अलग से फॉर्म भरना पड़ता है और न ही कोई प्रीमियम देना होता है.

भारत में अब ज्यादातर घरों में रसोई गैस का इस्तेमाल किया जाता है. सरकार की उज्ज्वला योजना और दूसरी सरकारी पहलों के बाद एलपीजी सिलेंडर की पहुंच गांव से लेकर शहर तक बढ़ गई है. हालांकि, बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी होती है कि गैस कनेक्शन लेने के साथ ही उपभोक्ताओं को लाखों रुपये का फ्री इंश्योरेंस कवर भी मिलता है.
यह बीमा किसी हादसे की स्थिति में परिवार को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए दिया जाता है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि गैस कनेक्शन लेने के साथ कितने लाख का बीमा मिलता है और गैस कनेक्शन कि यह काम की बात आपको क्यों जाननी चाहिए.
कितने लाख का मिलता है बीमा?
जब कोई नया गैस कनेक्शन लिया जाता है या पुराना रिन्यू होता है तो उपभोक्ताओं को ऑटोमेटिक तौर पर एक तय बीमा कवर मिल जाता है. इसके लिए न तो अलग से फॉर्म भरना पड़ता है और न ही कोई प्रीमियम देना होता है. इंडियन ऑयल, भारत गैस और एचपी गैस जैसी कंपनियां यह सुविधा देती है. यह बीमा गैस लीक, आग या सिलेंडर फटने जैसी किसी दुर्घटना में होने वाले नुकसान की भरपाई करता है. गैस कनेक्शन लेते ही उपभोक्ताओं को करीब 50 लाख रुपये तक का एक्सीडेंटल बीमा कवर मिलता है. इसमें परिवार के हर सदस्य को 10 लाख रुपये तक का कवर मिलता है. वहीं पूरे परिवार के लिए अधिकतम 50 लाख रुपये तक का लाभ शामिल होता है. प्रॉपर्टी का नुकसान होने पर 2 लाख तक का क्लेम कर सकते हैं. वहीं मौत की कंडीशन में 6 लाख तक का पर्सनल एक्सीडेंट कवर मिलता है. इसके अलावा इलाज के लिए अधिकतम 30 लाख रुपये मिलते हैं तो प्रति सदस्य दो लाख रुपये होता है. यह बीमा राशि सीधे परिवार को दी जाती है, लेकिन इसके लिए जरूरी यह होता है कि गैस सिलेंडर, रेगुलेटर, पाइप और स्टोव आईएसआई मार्क वाले ही हो और समय-समय पर उनका चेकअप कराया जाए.
किन शर्तों को मनाना होता है जरूरी?
गैस कनेक्शन पर बीमा का फायदा वही ग्राहक उठा सकते हैं जो इससे जुड़े जरूरी नियमों का पालन करते हो. जैसे गैस सिलेंडर का पाइप, चूल्हा और रेगुलेटर आईएसआई मार्क का लिया हुआ होना चाहिए. वहीं गैस इस्तेमाल करने की जगह पर खुला बिजली वायर नहीं होना चाहिए. हादसा होने के 30 दिनों के अंदर गैस सिलेंडर और नजदीकी पुलिस स्टेशन को जानकारी देना जरूरी है. क्लेम के लिए एफआईआर की कॉपी, मेडिकल बिल, हॉस्पिटल का रिकॉर्ड और मौत की कंडीशन में पोस्टमार्टम रिपोर्ट जैसे डॉक्यूमेंट जरूरी होते हैं. वहीं बीमा की राशि केवल उसी व्यक्ति को मिलती है जिसके नाम पर गैस कनेक्शन होता है. इसमें नॉमिनी जोड़ने का ऑप्शन नहीं होता है .
कैसे कर सकते हैं बीमा का दावा?
अगर गैस सिलेंडर से कोई दुर्घटना होती है और आप बीमा क्लेम करना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले अपने एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर और पुलिस स्टेशन को हादसे की जानकारी दें. इसके बाद बीमा कंपनी का अधिकारी ग्राउंड विजिट कर जांच करेगा. हादसे की पुष्टि होने पर बीमा कंपनी क्लेम को मंजूरी देती है. इसके लिए उपभोक्ता को अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ती है, डिस्ट्रीब्यूटर ही यह प्रक्रिया शुरू करवाता है. वहीं यह बीमा क्लेम ऑनलाइन भी किया जा सकता है, जिसके लिए उपभोक्ता में mylpg.in वेबसाइट पर जा सकता है.
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Source: IOCL























