Wipro: कैसे विप्रो ने पकड़े 300 'मूनलाइटर्स', दिखाया कंपनी से बाहर का रास्ता
Wipro Moonlighting: मूनलाइटिंग में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए, आईटी सेवाओं की दिग्गज कंपनी विप्रो ने 300 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया.
Wipro Moonlighting News: आईटी दिग्गज विप्रो ने हाल ही में 'मूनलाइटिंग' के लिए 300 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया, क्योंकि ये कर्मचारी इस आईटी कंपनी ने काम के घंटों के बाद दूसरी नौकरी कर रहे थे. विप्रो के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी, जो मूनलाइटिंग के आलोचक हैं, ने बताया कि कंपनी के पास ऐसे किसी भी कर्मचारी के लिए कोई जगह नहीं है, जो विप्रो पेरोल पर रहते हुए दूसरी कंपनियों के साथ सीधे तौर पर काम करें. प्रेमजी ने कहा, वास्तविकता यह है कि आज ऐसे लोग हैं जो विप्रो के लिए काम कर रहे हैं. ये हमारे एक प्रतियोगी के लिए सीधे काम कर रहे हैं और हमने पिछले कुछ महीनों में ऐसे 300 से ज्यादा लोगों की खोज की है, जो ऐसा कर रहे थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी ने PF के नियोक्ता पोर्टल से यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) तक पहुंच कर इन कर्मचारियों के बारे में पता लगाया था. अब एक वायरल ट्वीट में खुलासा हुआ है कि विप्रो को इन कर्मचारियों के बारे में कैसे पता चला. ट्वीट राजीव मेहता का है, जो अक्सर ट्विटर पर शेयर बाजार के टिप्स शेयर करते हैं. मेहता ने ट्विटर पर एक लंबा मैसेज शेयर किया है.
दूसरी कंपनी के लिए काम कर रहे थे 300 कर्मचारी
रिपोर्ट्स केअनुसार कंपनी से फायर किए गए 300 कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम का लाभ उठाकर दूसरी आईटी कंपनी में काम कर रहे थे. दरअसल सरकार के द्वारा हर कर्मचारी का पीएफ जमा करवाना कंपनी के लिए जरूरी कर दिया गया है, इसका उल्लंघन एक गंभीर अपराध है. इसी आधार पर विप्रो के मैनेजमेंट ने अपने कर्मचारियों की कुंडली खंगाली तो 300 कर्मचारी मूनलाइटिंग में लिप्त पाए गए.
वायरल ट्विट के अनुसार कंपनी के जांचकर्ताओं ने पाया कि इन कर्मचारियों के खाते में दूसरी कंपनियों के द्वारा भी पैसे डाले जा रहे थे, जिसके बाद इन लोगों का खुलासा हुआ. विप्रो ने इन 300 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया.
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