सिर्फ़ 31% भारतीयों ने आज़माया जनरेटिव AI, लेकिन ज़्यादातर चाहते हैं इससे मिले क्रिएटिविटी का जादुई टच!
Artificial Intelligence: Google और रिसर्च एजेंसी Kantar की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अब तक केवल 31% लोगों ने जनरेटिव AI टूल्स जैसे Google Gemini, ChatGPT या Deepseek का इस्तेमाल किया है.

Artificial Intelligence: Google और रिसर्च एजेंसी Kantar की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अब तक केवल 31% लोगों ने जनरेटिव AI टूल्स जैसे Google Gemini, ChatGPT या Deepseek का इस्तेमाल किया है. यानी अब भी लगभग 60% लोग इन टूल्स से अनजान हैं या उन्होंने इन्हें आज़माया नहीं है. यह रिपोर्ट देश के 18 शहरों के 8000 लोगों के सर्वे पर आधारित है. रिपोर्ट से यह भी सामने आया कि भारतीयों में AI को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बनाने की काफी दिलचस्पी है. अधिकतर लोगों की उम्मीद है कि AI टूल्स उनकी रचनात्मकता और काम करने की क्षमता को बेहतर बनाएंगे.
AI के प्रति बढ़ा है उत्साह
Google का मानना है कि भारत में AI को लेकर लोगों में उत्सुकता तो बहुत है पर इस्तेमाल की दृष्टि से यह सफर अभी शुरुआती दौर में है. रिपोर्ट के अनुसार, केवल 31% लोगों ने अब तक कोई भी जनरेटिव AI टूल इस्तेमाल किया है.
सर्वे में भाग लेने वालों में से 72% ने कहा कि वे AI की मदद से अपनी उत्पादकता बढ़ाना चाहते हैं. वहीं, 77% लोग अपने अंदर की रचनात्मकता को निखारना चाहते हैं. 73% बेहतर संवाद की उम्मीद रखते हैं.
Google ने भारत में दिखाए अपने नए AI टूल्स
Google ने शुक्रवार को भारत में अपने लेटेस्ट AI मॉडल्स का प्रदर्शन किया जिसमें Gemini 2.5 Pro और Veo 2 शामिल हैं. Veo 2 एक टेक्स्ट-टू-वीडियो टूल है जो सिर्फ टेक्स्ट के ज़रिए वीडियो तैयार कर सकता है. Google DeepMind के सीनियर डायरेक्टर के अनुसार, "Gemini Google का अब तक का सबसे एडवांस AI मॉडल है जो हमें ऐसे अनुभव देता है जो पहले कभी संभव नहीं थे जैसे कि Veo 2 से वीडियो बनाना या Gemini Live के ज़रिए स्वाभाविक बातचीत करना. हमारा लक्ष्य है कि हर किसी के लिए एक पर्सनल और सहायक AI असिस्टेंट बनाया जाए."
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