क्यों आपको कम कीमत के बड़े स्क्रीन वाले टीवी खरीदने चाहिए
ज्यादातर स्मार्ट टीवी का अपना इंटरफेस होता है. जैसे सैमसंग में Tizen पर काम करता है तो वहीं LG के टीवी WebOS और दूसरे टीवी गूगल के एंड्रॉयड OS पर काम करते हैं. सभी टीवी अपने अपने एप्स के साथ आते हैं जहां यूजर्स को उनके एप स्टोर से ये सारी चीजें डाउनलोड करनी पड़ती है.

नई दिल्ली: नोएडा में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर राहुल कुमार ने हाल ही में 42 इंच का Vu फुल HD टीवी खरीदा. स्मार्ट टीवी को देखते हुए राहुल ने नार्मल LED टीवी खरीदा. अपने फेवरेट टीवी शो, नेटफ्लिक्स और एमेजन प्राइम के वीडियो देखने के लिए राहुल को अपने प्लेस्टेशन 4 पर निर्भर होना पड़ता है. राहुल बताते हैं कि, ' मैं एक गेमिंग कंसोल लेना चाहता था और टीवी पर कम खर्च करना चाहता था इसलिए मैंने PS4 खरीदा जिसे मैं स्मार्ट टीवी के रुप में भी इस्तेमाल कर सकता हूं. इसलिए मैं छोटे स्क्रीन वाले स्मार्ट टीवी क्यों लूं.'
दरअसल यहां कुमार सही हैं क्योंकि कम कीमत वाले बड़े स्क्रीन के टीवी में ज्यादा फंक्शन होते हैं और आप उसमें सभी प्रकार के डिवाइस का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन यही चीज महंगे स्मार्ट टीवी में उलटा है. जहां छोटे स्क्रीन के साथ आपको ऐसा इंटरफेस मिलता है जिसे आप उसी की मदद से चला जा सकते हैं. ऐसे मामले में आपको एमेजन फायर स्टिक और गूगल क्रोमकास्ट पर 3000 रुपये से लेकर 4000 रुपये तक खर्च करना पड़ता है.
स्मार्ट टीवी की सीमा
ज्यादातर स्मार्ट टीवी का अपना इंटरफेस होता है. जैसे सैमसंग में Tizen पर काम करता है तो वहीं LG के टीवी WebOS और दूसरे टीवी गूगल के एंड्रॉयड OS पर काम करते हैं. सभी टीवी अपने अपने एप्स के साथ आते हैं जहां यूजर्स को उनके एप स्टोर से ये सारी चीजें डाउनलोड करनी पड़ती है. जैसे की शाओमी के मी टीवी में आप नेटफ्लिक्स नहीं चला सकते. वहीं रिमोट से टीवी को पूरी तरह से चलाना भी मुश्किल है. जबकि गूगल कास्ट में यही चीज आप उसके रिमोट से टीवी स्क्रीन पर अपने एंड्रॉयड फोन की मदद से कुछ भी चला सकते हैं.
क्या है पेंच
यूजर्स अगर एक LED टीवी लेता है जिसका स्क्रीन साइज 40 इंच का है और जिसका रेजॉल्यूशन 1,920x1,080 पिक्सल का है तो वो उसे 20,000 रुपये के नीचे या उससे ऊपर की कीमत पर मिल जाएगा. लेकिन अगर यही हम स्मार्ट टीवी की अगर बात करें जिसका स्क्रीन साइज छोटा होता है और सैमसंग, सोनी जैसी कंपनी बेचती है तो ये आपको 40,000 रुपये के ऊपर पड़ जाएगा. लेकिन भारतीय कंपनियां यहां इस चीज के लिए ओपन सेल डिस्प्ले का इस्तेमाल कर रहीं हैं. ये वो डिस्प्ले होते हैं जो कम कीमत पर आपको बेहतरीन डिस्प्ले देते हैं. बता दें कि एक टीवी में 80 प्रतिशत ओपन सेल डिस्प्ले की कीमत होती है जिसके बाद कलरफुल स्क्रीन, LED लाइट बार्स और दूसरी चीजें आती हैं.
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Source: IOCL























