कानपुर देहात हत्याकांड: हनीट्रैप में फंसाया, देर रात बुलाया, फिर कर दी हत्या
कानपुर देहात पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि हत्यारोपी साक्षी नाम की युवती बन बृजेश से व्हाट्सएप चैट करता था. पुलिस के मुताबिक आरोपी सुबोध ने ये पूरी वारदात कबूल की है.

कानपुर: कानपुर देहात के बृजेश पाल हत्याकांड में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जिस शख्स ने बृजेश की अपहरण और हत्या को अंजाम दिया, वह बृजेश से युवती बनकर व्हाट्सएप पर चैट करता था. इसी हनीट्रैप में बृजेश को उसने फंसाया और आधी रात को मिलने बुलाया. बाद में उसे शराब में नशे की गोलियां मिलाकर पिला दी और उसका अपहरण किया और फिर मार डाला.
कानपुर देहात पुलिस ने किया खुलासा 17 जुलाई को किडनैप हुए बृजेश कुमार के अपहरण कांड का खुलासा मंगलवार को स्थानीय पुलिस द्वारा किया गया है. थाना भोगनीपुर के अंतर्गत एक धर्मकांटे पर ड्यूटी करने गए बृजेश पाल का नाटकीय ढंग से अपहरण हो गया था. पुलिस के मुताबिक उसके ही दोस्त सुबोध ने बृजेश की हत्या कर दी थी. वजह यह थी कि सुबोध कर्ज़ में डूबा था. उसने बृजेश की हत्या के बाद शव कुएं में फेंका. फिर कुछ घंटे बाद परिवार को बृजेश के ही मोबाइल से 20 लाख की फिरौती के लिए कॉल किया था.
बृजेश का शव कुएं से बरामद हुआ पुलिस के मुताबिक सुबोध को घटनास्थल ले जाते वक्त उसने भागने की कोशिश की तो उसके पैर में गोली मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. अपहरणकर्ताओं ने उसी के फोन से 5 दिन के अंदर 20 लाख रुपये की मांग की थी. घटना की जानकारी होते ही पुलिस ने बृजेश के भाई की तहरीर पर अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करके तलाश शुरू कर दी थी. अब बृजेश का शव कुएं से बरामद किया गया है.
हत्यारोपी युवती बनकर बृजेश से व्हाट्सएप चैट करता था पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ समय से बृजेश साक्षी नाम की युवती से व्हाट्सएप चैट करता था. फोन पर उससे बातचीत कभी नहीं हुई थी. ये बातचीत हत्यारोपी सुबोध ही करता था. ये खुलासा पुलिस की जांच में हुआ. 15 जुलाई की रात भी वो चैट कर रहा था. चैट के जरिये ही सुबोध ने साक्षी बनकर बृजेश को घर के बाहर बुलाया. जहां ये थोड़ी दूर पर अपनी स्विफ्ट कार लिए खड़ा था. यहीं से उसने बृजेश को बाहर घुमाने की बात कही और अपने साथ ले गया. रास्ते में उसने उसको शराब पिलाई. उसमें उसने नशीली दवाई भी मिला दी थी. जिससे बृजेश पूरी तरह बेसुध हो गया था. करीब दो घंटे बाद उसका तार से गला घोंटकर मार दिया.
आरोपी सुबोध ने कबूली ये पूरी वारदात पूछताछ में आरोपी सुबोध ने ये पूरी वारदात कबूली है. पुलिस के मुताबिक बृजेश दो मोबाइल रखता था. एक पर वो व्हाट्सएप इस्तेमाल करता था, जबकि दूसरे से कॉलिंग करता था. जिस रात उसका अपहरण हुआ था उस समय वो व्हाट्सएप वाला मोबाइल घर पर ही भूल गया था. ऐसे में जब पुलिस ने उसके घर पहुंची तो ये मोबाइल मिल गया था.
पुलिस को ऐसा हुआ शक पुलिस ने बृजेश पाल का घर से ही मोबाइल बरामद किया था. जब उसको खंगाला तो देखा कि कई महिला मित्रों से उसकी चैट है. मगर सभी चैट डिलीट थी. इसमें साक्षी नाम की महिला की चैट भी शामिल है. जांच में पता चला कि बृजेश अक्सर अपनी व्हाट्सएप चैट डिलीट कर देता था. पुलिस ने व्हाट्सएप चैट रिकवर कराई. एक दर्जन नंबर सर्विलांस पर लगाए. इसमें से साक्षी नाम से सेव नंबर वारदात की रात से ऑफ था. यहीं से पुलिस की शक की सुई घूम गई. पुलिस ने इसकी डिटेल निकाली, जिससे पता चला कि फेक आईडी पर सिम लिया गया था. सर्विलांस ने बी पार्टी की सीडीआर निकाली यानी इस नंबर से जिन लोगों से बातचीत हुई थी, उनको तलाश किया गया. इसके बाद सुबोध हत्थे चढ़ा.
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