जनसुनवाई बनी समाधान की पहचान, योगी सरकार की सख्ती से शिकायतों के निस्तारण में जबरदस्त सुधार
Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी और दिशा-निर्देशों के चलते प्रदेश में जनता की शिकायतों का निस्तारण समय से और संतोषजनक समाधान हो रहा है.

UP News: उत्तर प्रदेश में जनसुनवाई अब सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि समाधान की पहचान बनती जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी और दिशा-निर्देशों के चलते प्रदेश में जनता की शिकायतों का निस्तारण समय से और संतोषजनक समाधान हो रहा है. इसका असर अप्रैल माह की IGRS (इंटीग्रेटेड ग्रिवांस रिड्रेसल सिस्टम) रैंकिंग में भी साफ दिखा, जहां श्रावस्ती जिले ने पूरे प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है. वहीं शाहजहांपुर दूसरे और अमेठी तीसरे नंबर पर रहे.
सरकार की ओर से मुख्यमंत्री डैशबोर्ड और आईजीआरएस पोर्टल के जरिए जनशिकायतों पर नजर रखी जाती है. हर दिन अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाती है. जनसुनवाई से लेकर निस्तारण की प्रक्रिया तक, सब कुछ नियमित समीक्षा के दायरे में है.
श्रावस्ती के डीएम अजय कुमार द्विवेदी के मुताबिक, जिले में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप तीन बार शिकायतों की समीक्षा होती है—सुबह 10 बजे जनसुनवाई, शाम 5 बजे लंबित मामलों की समीक्षा और रात 9 बजे असंतुष्ट मामलों पर फीडबैक जांच. शिकायतों की गुणवत्ता और समाधान की पारदर्शिता पर भी बराबर ध्यान दिया जाता है.
टॉप पर श्रावस्ती
आईजीआरएस की अप्रैल 2025 की रिपोर्ट में श्रावस्ती ने 140 में से 131 अंक हासिल किए. जिले का शिकायत समाधान रेश्यो 93.57% रहा, जो सबसे अधिक है. दूसरे नंबर पर शाहजहांपुर (92.86%) और तीसरे पर अमेठी (90.71%) रहा. बलिया और अंबेडकरनगर संयुक्त रूप से चौथे स्थान पर हैं.
जिलों में बढ़ी प्रतिस्पर्धा
योगी सरकार की यह व्यवस्था अब जिलों के बीच सकारात्मक प्रतिस्पर्धा का कारण बन गई है. हर जिला बेहतर रैंकिंग पाने के लिए प्रयास कर रहा है और इसका सीधा फायदा जनता को मिल रहा है. शिकायतें सिर्फ दर्ज नहीं होतीं, बल्कि उनके समाधान की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है.
जनता को सीधे लाभ
सीएम हेल्पलाइन 1076, आईजीआरएस पोर्टल और सीएम डैशबोर्ड जैसे प्लेटफॉर्मों ने जनता को अपनी शिकायतें सीधे सरकार तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम दिया है. पहले जहां शिकायतें सुनने वाला कोई नहीं होता था, आज अधिकारी स्वयं कॉल कर पूछते हैं कि समाधान से संतुष्ट हैं या नहीं.
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Source: IOCL
























