Uttarakhand News: सरकार के दावों की पोल खोलती तस्वीर, प्रशासन से उम्मीदें छोड़ ग्रामीणों ने खुद ही बनाया पुल
Uttarkashi News: जिला मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर स्थित स्यूंणा गांव के लोग लंबे समय से पुल की मांग करते आ रहे हैं. सरकार और प्रशासन से कई बार मांग की गई. लेकिन अभी तक पुल का निर्माण नहीं हो सका.
Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार विकास को लेकर भले ही बड़े दावों करती हो. लेकिन उत्तरकाशी (Uttarkashi) की इस तस्वीर ने सरकारी योजनाओं और दावों की पोल खोलकर रख दी है. उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से महज चार किलोमीटर दूर स्थित स्यूंणा गांव इस बात की गवाही चीख-चीख कर दे रहा है. स्थानीय लोग नदी पर पुल बनाने की मांग काफी समय से कर रहे हैं. लेकिन न तो इनकी सरकार ने सुनी और न स्थानीय प्रशासन ने हमदर्दी दिखाई.
ग्रामीण खुद बना रहे पुल
स्यूंणा गांव के लिए अभी तक पुल निर्माण नहीं हो पाया है. इस कारण ग्रामीणों को मजबूरन भागीरथी नदी पर खुद पत्थर, बल्लियों और लकड़ियों की मदद से अस्थायी पुलिया का निर्माण करना पड़ रहा है. गांव के बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक पुल बनाने में जुटे रहे ताकि गांव तक आने जाने में जान जोखिम में न डालनी पड़े.
सरकार बदली पर समस्या जस की तस
जिला मुख्यालय से चार किमी की दूरी पर स्थित स्यूंणा गांव के लिए सड़क और पुल की सुविधा नहीं है और ये समस्या कोई आज की नहीं बल्कि सालों पुरानी है. यहां तक की गांव को जोड़ने वाला पैदल मार्ग भी बदहाली की मार झेल रहा है. ऐसे में ग्रामीण अस्थायी पुल के सहारे भागीरथी की उफनती धारा को पारकर अपने गांव पहुंचते हैं. लेकिन बरसात के दौरान भागीरथी का जलस्तर बढ़ने से अस्थायी पुलिया बह जाता है.
बरसात में बढ़ जाता खतरा
ग्रामीणों का कहना है कि पुल बहने से अन्य गांवों से संपर्क टूट जाता है. शीतकाल में नदी का जलस्तर कम होते ही ग्रामीण फिर से अस्थायी पुलिया का निर्माण करते हैं. जिससे सड़क मार्ग तक पहुंचने में ग्रामीणों की दूरी कम हो सके इस साल भी स्यूंणा गांव के ग्रामीण एकत्रित हुए और लकड़ी, बल्लियों और पत्थर के सहारे भागीरथी नदी के ऊपर आवाजाही के लिए अस्थायी पुलिया का निर्माण कर रहे हैं ताकि उनकी कुछ मुश्किल आसान हो सके.
एक महिला की हो चुकी है मौत
ग्रामीणों का कहना है कि बीते वर्ष एक महिला इस पुल फिसल गई थी जिसके बाद प्रशासन के आश्वासन के बाद इस पुल को हटा दिया गया था. लेकिन इसके बाद भी शासन-प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. हम इस पुल के सहारे नदी पार करने को मजबूर हैं.
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