Uttarkashi Tunnel Update: सुरंग में फंसे रिश्तेदार से हुई बात तो आई सांस में सांस, कहा- हमें पहले चिल्लाना पड़ता था...
Uttarkashi Tunnel के मलबे में छह इंच व्यास के चौड़े पाइप के डाले जाने से उसके जरिए बातचीत करने में आसानी होने से कुछ राहत महसूस की.

Uttarkashi News: सुरंग में फंसे श्रमिकों के सिलक्यारा में मौजूद रिश्तेदारों ने मंगलवार को मलबे में छह इंच व्यास के चौड़े पाइप के डाले जाने से उसके जरिए बातचीत करने में आसानी होने से कुछ राहत महसूस की. सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों में शामिल अपने देवर प्रदीप किस्कू की कुशल क्षेम जानने के लिए बिहार के बांका से सिलक्यारा पहुंची सुनीता हेम्ब्रम ने बताया, 'मैंने उनसे सुबह बात की. नए पाइप से उन्हें संतरे भेजे गए हैं. वह ठीक हैं.'
हेम्ब्रम ने कहा कि नए पाइप के जरिए श्रमिकों से बातचीत में आसानी हुई है. उन्होंने कहा, 'इससे पहले हमें उन्हें अपनी आवाज सुनाने के लिए चिल्लाना पड़ता था लेकिन आज उनकी आवाज स्पष्ट थी.'
पिछले नौ दिन से मलबे के दूसरी ओर फंसे अपने भाई गब्बर सिंह नेगी का इंतजार कर रहे जयमल सिंह नेगी ने कहा कि नई पाइपलाइन डाले जाने से निश्चित रूप से श्रमिकों से संपर्क बेहतर हुआ है लेकिन असली चुनौती (उन्हें बाहर निकालने की) अभी बनी हुई है.
उन्होंने कहा, ' नई पाइपलाइन डाले जाने से भोजन को बड़ी मात्रा में भेजा जाना आसान हो गया है जो अच्छी बात है लेकिन वैसे देखा जाए तो स्थिति वही है जो पहले थी.'
पुत्र मंजीत से बात नहीं करने दी गयी
अपने भाई से बात करने के बाद नेगी ने कहा कि हांलांकि, फंसे श्रमिक आपस में बातचीत कर रहे हैं और एक दूसरे का मनोबल बढ़ा रहे हैं.दूसरी तरफ, उत्तर प्रदेश के रहने वाले चौधरी ने कहा कि उन्हें उनके पुत्र मंजीत से बात नहीं करने दी गयी.
उन्होंने कहा, 'मैं पिछले मंगलवार को आया था. मेरे यहां आने के तुरंत बाद मैंने मंजीत से एक बार बात की थी, लेकिन अब मुझे अंदर जाने और उससे बात करने की अनुमति नहीं दी जा रही है.'
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को अपने पिछले दौरे में अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि सुरंग में फंसे श्रमिकों के परेशान रिश्तेदारों को कोई असुविधा न हो.
Source: IOCL






















