उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले के 17 आरोपियों पर, चलेगा मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा
Uttarakhand News: यूकेएसएसएससी की परीक्षाओं में हुए घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदशालय मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा चलाने वाला है. देहरादून न्यायालय 17 आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस चलाने की बात कही.

UKSSSC recruitment scam: उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की परीक्षाओं में हुए घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अब मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा चलाएगा. देहरादून स्थित पीएमएलए विशेष न्यायालय के जिला जज प्रेम सिंह खिमाल ने ईडी को 17 आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने की अनुमति दे दी है. यह घोटाला वर्ष 2016 से 2021 के बीच वन दरोगा, सचिवालय रक्षक, वीडीओ, वीपीडीओ और स्नातक स्तरीय परीक्षाओं में सामने आया था.
ईडी ने अपनी जांच के दौरान पाया कि इन घोटालों में लखनऊ स्थित आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस नामक पेपर प्रिंटिंग कंपनी की अहम भूमिका थी. कंपनी और उससे जुड़े कई लोगों ने मिलकर एक संगठित पेपर लीक गैंग तैयार किया था. इस गैंग ने उत्तराखंड और अन्य राज्यों से प्रश्नपत्र लीक कर 10 से 15 लाख रुपये में बेचे.
पेपर लीक करके अवैध धन अर्जित किया
जांच में यह भी सामने आया कि इन गतिविधियों से बड़ी मात्रा में अवैध धन अर्जित किया गया, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए विभिन्न स्रोतों में खपाया गया. प्रवर्तन निदेशालय ने पुलिस के मुकदमों और जांच रिपोर्ट के आधार पर मामले की विस्तृत जांच की. ईडी ने आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी कर 1.32 करोड़ रुपये की राशि विभिन्न बैंक खातों में फ्रीज की. इसके अलावा, 15 लाख रुपये नकद भी जब्त किए गए. प्रारंभिक जांच में ही पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद ईडी ने 17 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया.
ईडी ने आरोपियों पर कई मुकदमें दर्ज किए
जांच के दौरान ईडी ने पाया कि जयजीत दास समेत 17 आरोपियों ने संगठित रूप से इस घोटाले को अंजाम दिया. इनके खिलाफ पहले से ही चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. ईडी ने अपनी रिपोर्ट पीएमएलए स्पेशल कोर्ट में प्रस्तुत की थी, जिसे अब जिला जज ने स्वीकार कर लिया है. वर्ष 2016 से 2021 के बीच यूकेएसएसएससी द्वारा आयोजित वन दरोगा, सचिवालय रक्षक, वीडीओ, वीपीडीओ और स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर घोटाले की शिकायतें मिली थीं. इसके बाद पुलिस ने कई मुकदमे दर्ज किए और मामले की जांच की. इन मुकदमों के आधार पर ही ईडी ने भी जांच शुरू की.
अरोपियों पर धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी
देहरादून के जिला जज प्रेम सिंह खिमाल ने ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति देकर आरोपियों पर शिकंजा कस दिया है. इस निर्णय के बाद इन 17 आरोपियों के खिलाफ अब धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई तेज होगी. ईडी अब इन आरोपियों की अवैध संपत्तियों की जांच करेगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ाएगा. इस मामले में लिप्त अन्य व्यक्तियों की पहचान और उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने की भी तैयारी की जा रही है.
यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाला उत्तराखंड की परीक्षा प्रणाली में एक गंभीर समस्या को उजागर करता है. प्रवर्तन निदेशालय की इस कार्रवाई से न केवल घोटालेबाजों के खिलाफ सख्त संदेश जाएगा, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद भी मिलेगी. राज्य सरकार और न्यायालय के इस कदम से प्रदेश के युवाओं को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.
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