चमोली एवलांच: 60 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन, 46 मजदूर निकले सुरक्षित बाहर, 8 श्रमिकों की मौत
Chamoli Glacier Burst: धामी सरकार ने मृतकों के परिवारों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है. प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.

Chamoli Glacier Burst Rescue Operation End: उत्तराखंड के माणा में ग्लेशियर टूटने से भारी हिमस्खलन हो गया था, इस दर्दनाक हादसे के बाद मजदूरों के बचाने के लिए शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन अब खत्म हो गया है. इस हादसे में आठ मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 46 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, राहत एवं बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना सहित 200 से अधिक लोग जुटे रहे. यह अभियान लगभग 60 घंटे तक चला.
बता दें कि मजदूर निर्माण कार्य में लगे थे, तभी अचानक ऊपर से बर्फ का पहाड़ आ गिरा और कई मजदूर उसमें दब गए. इस घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया. शुरू में रास्ते बाधित होने के कारण राहत कार्य में दिक्कत आई, लेकिन बाद में आधुनिक उपकरणों की मदद से अभियान तेज किया गया.
इस हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों में दो उत्तराखंड के (एक उधम सिंह नगर से और एक देहरादून से), दो हिमाचल प्रदेश के और चार उत्तर प्रदेश के थे, प्रशासन ने मृतकों के शवों को उनके परिजनों तक पहुंचाने की व्यवस्था की है, उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा, "फिलहाल सभी लापता मजदूरों को खोज लिया गया है. इस हादसे में आठ लोगों की मौत हुई है और 46 मजदूर सुरक्षित हैं."
रकार ने मृतकों के परिवारों को सहायता देने का दिया आश्वासन
रेस्क्यू ऑपरेशन में ड्रोन, रडार और भारी मशीनरी का उपयोग किया गया, जिससे मलबे में दबे लोगों को जल्द से जल्द खोजने में मदद मिली. धामी सरकार ने मृतकों के परिवारों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है. प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.
सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल
इस हादसे ने निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन किया जाए तो इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है.
चमोली एवलांच में जान गंवाने वाले आठ मजदूरों के नाम
मोहेंदर पाल (हिमाचल प्रदेश)
हरमेश चंद्र (हिमाचल प्रदेश)
जितेंद्र सिंह (उत्तर प्रदेश)
मंजीत यादव (उत्तर प्रदेश)
आलोक यादव (उत्तर प्रदेश)
अशोक पासवान (उत्तर प्रदेश)
अनिल कुमार (उत्तराखंड)
अरविंद कुमार सिंह (उत्तराखंड)
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