यूपी में आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए बड़ी खबर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में किया अहम ऐलान
उत्तर प्रदेश में आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में बड़ा ऐलान किया है. सीएम ने कहा कि इससे कर्मचारियों के शोषण की शिकायतों का समाधान हो सकेगा.

UP Vidhan Sabha News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में ऐलान किया कि आउटसोर्सिंग की नियुक्ति के लिए निगम का गठन किया जाएगा. विधानमंडल के बजट सत्र के नौवें दिन विधानसभा में योगी आदित्यनाथ ने वित्त वर्ष 2025-26 के सामान्य बजट पर चर्चा में नेता प्रतिपक्ष का जवाब देते हुए कहा कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए निगम का गठन होगा.
उन्होंने कहा कि इस कदम से कर्मचारियों के शोषण की शिकायत का समाधान होगा और न्यूनतम वेतन सीधे कर्मचारी के खाते में जाएगा.
मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार उन्होंने सभी जनपदों में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर जनपदीय नियुक्ति क्षेत्र विकसित किए जाने का भी ऐलान किया.
इसके अलावा योगी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में नगरीय क्षेत्रों में डिजिटल लाइब्रेरी के निर्माण के साथ ही सरकारी पॉलिटेक्निक में नए दौर के पाठ्यक्रम की शुरुआत के लिए भी बजट में की गई व्यवस्था के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि समाज कल्याण छात्रावास पुनर्निर्माण एवं नवनिर्माण योजना को भारत रत्न बाबा साहेब डॉ.भीमराव आंबेडकर के नाम पर रखा जाएगा.
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यूपी में एक भी नया कर नहीं लगा- सीएम योगी
इसके अलावा सीएम ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के सामान्य बजट पर चर्चा में सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य में पिछले आठ वर्षों में एक भी नया कर नहीं लगाया गया. योगी ने कहा कि 2025-26 के बजट का आकार 8,08,736 करोड़ रुपये से अधिक का है और यह देश के किसी राज्य की तुलना में सबसे बड़ा बजट है. उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश पिछले पांच वर्ष से राजस्व अधिशेष स्थिति में है. कर अपवंचन को रोका गया है. ‘रेवेन्यू लीकेज’ को समाप्त किया गया है. डिजिटल प्रणाली अपनाई गई है, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है.'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'पहले यह राशि विकास और कल्याण में इस्तेमाल नहीं हो पाती थी. आज पाई-पाई प्रदेश हित में उपयोग हो रही है और देश के अंदर सर्वश्रेष्ठ बुनियादी ढांचा देने में सफलता मिल रही है. बीते आठ वर्ष में एक भी नया कर नहीं लगाया. प्रदेश में डीजल-पेट्रोल की दरें देश में सबसे कम हैं, बावजूद इसके उत्तर प्रदेश राजस्व अधिशेष राज्य के रूप में समृद्धि के नये सोपान चढ़ता जा रहा है. इस सफलता के पीछे रामराज्य की अवधारणा ही है.'
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