यूपी में गन्ना किसानों के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला, चीनी मिलों की क्षमता का होगा विस्तार
UP Sugar Mills: बागपत सहकारी चीनी मिल की पेराई क्षमता 25,000 क्विंटल प्रतिदिन से बढ़ाकर 50,000 क्विंटल प्रतिदिन की जा रही है. इससे 22,000 से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा.

UP News: उत्तर प्रदेश सरकार गन्ना किसानों की आय बढ़ाने और चीनी उत्पादन में वृद्धि के लिए राज्य की कई चीनी मिलों का विस्तार और आधुनिकीकरण कर रही है. इस पहल के तहत गजरौला, बागपत, मोरना और सेमीखेड़ा की चीनी मिलों की पेराई क्षमता बढ़ाई जा रही है, जबकि रुद्र बिलासपुर चीनी मिल का तकनीकी उन्नयन किया जा रहा है. इन परियोजनाओं पर कुल 1,967 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है.
गजरौला चीनी मिल का विस्तार
अमरोहा जिले की हसनपुर गजरौला चीनी मिल की पेराई क्षमता 2,500 टन प्रतिदिन (टीसीडी) से बढ़ाकर 4,900 टीसीडी की जा रही है. इसके साथ ही, इस मिल में सल्फर-रहित रिफाइंड चीनी का उत्पादन, प्रतिदिन एक लाख लीटर एथेनॉल उत्पादन क्षमता वाली डिस्टिलरी और कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट की स्थापना की योजना है. यह विस्तार क्षेत्र के हजारों किसानों को लाभान्वित करेगा.
बागपत चीनी मिल का विस्तार
बागपत सहकारी चीनी मिल की पेराई क्षमता 25,000 क्विंटल प्रतिदिन से बढ़ाकर 50,000 क्विंटल प्रतिदिन की जा रही है. इससे 22,000 से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा, जिन्हें अब अपने गन्ने की पेराई के लिए अन्य मिलों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. शासन ने इस विस्तार के लिए गन्ने की उपलब्धता और भूमि की पर्याप्तता की पुष्टि कर दी है.
मोरना चीनी मिल का विस्तार
मुजफ्फरनगर जिले की मोरना चीनी मिल की वर्तमान पेराई क्षमता 2,500 टीसीडी है. क्षेत्र में गन्ने के बढ़ते उत्पादन को देखते हुए, इस मिल की क्षमता बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही है. हालांकि, 2021 में घोषित इस विस्तार योजना पर अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है. राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस दिशा में शीघ्र कार्रवाई का अनुरोध किया है.
सेमीखेड़ा चीनी मिल का विस्तार
सेमीखेड़ा स्थित किसान सहकारी चीनी मिल की पेराई क्षमता 2,750 टीसीडी से बढ़ाकर 3,500 टीसीडी की जा रही है. यह विस्तार क्षेत्र के किसानों को गन्ना पेराई में सुविधा प्रदान करेगा और उनकी आय में वृद्धि करेगा.
रुद्र बिलासपुर चीनी मिल का तकनीकी उन्नयन
रुद्र बिलासपुर चीनी मिल का 75 करोड़ रुपये की लागत से तकनीकी उन्नयन किया जा रहा है. इसके तहत मिल में आधुनिक मशीनरी और तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता में सुधार होगा.
आईटी इंटरवेंशन से प्रभावी नियंत्रण
चीनी मिलों के कार्यों का प्रभावी नियंत्रण और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए आईटी इंटरवेंशन का उपयोग किया जा रहा है. इसके तहत इन्वेंट्री मैनेजमेंट और प्रोक्योरमेंट का डिजिटलीकरण, मोलासेस विक्रय और गन्ना प्रबंधन के लिए ऑनलाइन सिस्टम विकसित किया जा रहा है. गन्ना परिवहन वाहनों पर जीपीएस मॉनिटरिंग उपकरण लगाए जाएंगे, जिससे गन्ना आपूर्ति की निगरानी में सुधार होगा. इन प्रयासों से उत्तर प्रदेश की गन्ना आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, किसानों की आय में वृद्धि होगी और चीनी उत्पादन में राज्य की अग्रणी भूमिका बनी रहेगी.
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Source: IOCL
























