UP Police रिजल्ट में पंकज पांडे की भर्ती को लेकर सोशल मीडिया पर मचा बवाल, अब बोर्ड ने दी सफाई
UP Police Constable Result: UPPRPB ने 13 मार्च को 60 हजार 244 सफल अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी की है. पुलिस भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी होते ही चयनित अभ्यर्थियों को लेकर सोशल मीडिया सवाल खड़े होने लगे.

Uttara Pradesh News Today: बीते दिनों यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का रिजल्ट का ऐलान कर दिया गया है. रिजल्ट जारी होते ही इसको लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह भ्रामक पोस्ट सामने आने लगी. इस बीच रविवार (16 मार्च) को यूपी पुलिस रिक्रूटमेंट एंड प्रमोशन बोर्ड (UPPRPB) ने सोशल मीडिया पर एक संदेश जारी किया है, इसमें बोर्ड के जरिये अफवाहों पर स्पष्टीकरण दिया गया है.
यूपी पुलिस रिक्रूटमेंट एंड प्रमोशन बोर्ड के जरिये जारी एक्स (पहले ट्विटर) संदेश में लिखा है कि सोशल मीडिया पर कुछ अभ्यर्थियों के सरनेम या टाइटल के आधार पर उनकी जातियों आदि पर भ्रामक टिप्पणियां की जा रही हैं. इसमें आगे लिखा है, "उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड इस संबंध में यह स्पष्ट करता है कि सरनेम या टाइटल के आधार पर किसी अभ्यर्थी को सफल या असफल घोषित नहीं किया जाता है."
सोशल मीडिया में कतिपय अभ्यर्थियों के सरनेम या टाइटल के आधार पर उनकी जातियों आदि पर भ्रामक टिप्पणियां की जा रही हैं।
— Uttar Pradesh Police Recruitment & Promotion Board (@upprpb) March 16, 2025
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड इस संबंध में यह स्पष्ट करता है कि सरनेम या टाइटल के आधार पर किसी अभ्यर्थी को सफल/असफल घोषित नहीं किया जाता है।…
बोर्ड ने नियुक्ति पर क्या कहा?
बोर्ड ने सफाई देते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "अभ्यर्थियों को सक्षम अधिकारियों के जरिये निर्गत जाति प्रमाण पत्रों की संवीक्षा (वेरिफिकेशन) के बाद ही सफल और असफल घोषित किया जाता है. अभिलेखों की संवीक्षा के लिए गठित डीवी बोर्ड के जरिये (जिसमें उपजिलाधिकारी स्तर और पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी होते हैं) समुचित रूप से मूल जाति प्रमाण पत्र का परीक्षण किया जाता है. उक्त परीक्षण से पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ही अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया जाता है."
दो अभ्यर्थियों के चयन को लेकर लगाए जा रहे आरोपों पर भी यूपी पुलिस रिक्रूटमेंट एंड प्रमोशन बोर्ड ने खंडन किया है. इसमें कहा गया है कि "उल्लिखित प्रकरणों में पंकज पांडे नाम के अभ्यर्थी की जाति उसके जारी प्रमाण पत्र के अनुसार गोसाई है. इसी तरह अभ्यर्थी शिवानी उपाध्याय की जाति जोगी है. दोनों ही जातियां अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आती हैं."
यहां से हासिल करें जानकारी
इसमें आगे कहा कि गया है कि नियुक्ति पत्र देने से पहले नियुक्ति जनपद के पुलिस अधीक्षक जरिये चयनित अभ्यर्थियों का दोबारा सत्यापन कराया जाता है. ऐसे अगर किसी व्यक्ति को किसी विशिष्ट अभ्यर्थी की जाति के संदर्भ में कोई पुष्ट एवं प्रामाणिक जानकारी हासिल करनी है तो कृपया उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के ई मेल sampark@uppbpb.gov.in पर सूचित करें.
यूपी पुलिस रिक्रूटमेंट एंड प्रमोशन बोर्ड ने कहा, "बोर्ड के जरिये इस बारे में समुचित जांच कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. इसलिए आपको सूचित किया जाता है कि कृपया ऐसी भ्रामक और अपुष्ट टिप्पणियां न लिखें,. न आगे प्रसारित करने में सहयोगी बनें. यह कानूनन अपराध है."
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Source: IOCL























