UP News: नॉर्मलाइजेशन के विरोध में सड़कों पर उतरे PCS के अभ्यर्थी, कई घंटे तक आयोग के दफ्तर का घेराव
अभ्यर्थियों के मुताबिक आयोग ने अपने विज्ञापन में भी प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में ही कराए जाने का जिक्र किया था. इसके अलावा दो दिन परीक्षा कराए जाने पर कुछ अभ्यर्थी कोर्ट जा सकते हैं.
Prayagraj News: यूपी लोक सेवा आयोग से विवादों का नाता खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. आयोग यूपी पीसीएस 2024 की प्रारंभिक परीक्षा को दूसरी बार स्थगित करने के बाद अब इसे सात और आठ दिसंबर को कराने की तैयारी में है. परीक्षा दो दिन कराए जाने की वजह से इसमें नॉर्मलाइजेशन का फार्मूला लागू किए जाने की आशंका जताई जा रही है. इसे लेकर अभ्यर्थी लगातार अपना विरोध जता रहे हैं.
तकरीबन एक हजार की संख्या में अभ्यर्थियों ने सोमवार को प्रयागराज में यूपी लोक सेवा आयोग के दफ्तर पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी करते हुए घंटों अपना विरोध जताया. अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन के चलते प्रयागराज से लखनऊ जाने वाला रास्ता कई घंटे तक बंद रखा गया. इस दौरान आयोग के दफ्तर के बाहर तकरीबन पूरे दिन अफरा तफरी के हालात रहे.
होती है मनमानी
यह पहला मौका होगा जब पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा दो दिन में कराई जाएगी और इसमें नॉर्मलाइजेशन का भी इस्तेमाल किया जाएगा. अभ्यर्थियों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन का कोई निश्चित फार्मूला नहीं होता और इसमें आमतौर पर मनमानी ही होती है. ज्यादा नंबर पाने वाला अभ्यर्थी बाहर हो सकता है और कम सवालों का सही जवाब देने वाले अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए क्वालीफाई कर सकता है. इसमें तमाम अभ्यर्थियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
इस बार की प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होने के लिए पौने छह लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया हुआ है. प्रारंभिक परीक्षा नॉर्मलाइजेशन पैटर्न पर दो दिनों में कराए जाने के फैसले का विरोध करने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि दो दिन परीक्षा होने से किसी अभ्यर्थी को आसान पेपर मिल सकता है और किसी को कठिन. कई योग्य अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में ही बाहर हो सकते हैं.
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कोर्ट जा सकते हैं कुछ अभ्यर्थी
अभ्यर्थियों के मुताबिक आयोग ने अपने विज्ञापन में भी प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में ही कराए जाने का जिक्र किया था. इसके अलावा दो दिन परीक्षा कराए जाने पर कुछ अभ्यर्थी कोर्ट जा सकते हैं. हाईकोर्ट भर्ती पर सुनवाई पूरी होने तक रोक लगा सकता है. इसका खामियाजा तमाम अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ सकता है.
अभ्यर्थियों का कहना है कि तमाम विवादों से बचने के लिए प्रारंभिक परीक्षा को परंपरागत तौर पर एक ही दिन में संपन्न करा लेना चाहिए. अभ्यर्थियों के मुताबिक जब लोकसभा और विधानसभा के चुनाव बिना किसी गड़बड़ी के एक ही दिन में कराए जा सकते हैं तो पांच लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा एक दिन में क्यों नहीं कराई जा सकती. आयोग परीक्षा केंद्र के नाम पर कतई मनमानी नहीं कर सकता. हालांकि कई घंटे विरोध प्रदर्शन करने के बावजूद आयोग का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी अभ्यर्थियों से मुलाकात करने या उनका ज्ञापन लेने के लिए सामने नहीं आया. नाराज अभ्यर्थियों ने अपना आंदोलन और तेज करने की बात कही है.