UP News: गैर सरकारी मदरसों के सर्वेक्षण पर दिल्ली में हो रही है बैठक, सर्वे को विरोधी बता रहे हैं छोटा एनआरसी
Delhi News : सरकार का कहना है कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का डेटा सरकार के पास यह जांचने के लिए होना चाहिए कि वहां पढ़ने वाले छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुविधाएं मिल रही हैं या नहीं.

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है.इसमें उनमें मौजूद मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जांची जाएगी. योगी सरकार के इस फैसले की घोषणा राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी (Danish Azad Ansari) ने पिछले हफ्ते की थी. उनकी इस घोषणा का कई मुस्लिम नेताओं और राजनीतिक दलों ने विरोध किया था.सरकार के इस एलान पर जमीयत-उलेमा-ए- हिंद (Jamiat Ulema e hind)ने आज दिल्ली में एक बैठक बुलाई है. यह बैठक शुरू हो गई है. इस बैठक में यूपी के बड़े मदरसों से जुड़े लोग शामिल हैं.
किसने बुलाई है मदरसा संचालकों की बैठक
यह बैठक जमीयत-उलेमा-ए- हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने बुलाई है. इस बैठक के लिए उत्तर प्रदेश में सरकारी मदद के बिना चलने वाले मदरसों से जुड़े लोगों को बुलाया गया है. इस बैठक में मदरसा संचालक सर्वेक्षण के सरकारी एलान के बाद की अपनी रणनीति बनाएंगे. कहां जा रहा है कि बैठक के बाद मदनी दोपहर साढ़े 12 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं.
योगी सरकार ने फैसला किया है कि प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करवाया जाएगा. इसके लिए 10 सितंबर तक सर्वे टीमें गठित की जाएंगी. इसमें संबंधित तहसील के उप जिलाधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी शामिल होंगे.यह टीम अपर जिलाधिकारी प्रशासन के निर्देशन में मदरसों का सर्वे कर अपर जिलाधिकारी प्रशासन के जरिए अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी.यह सर्वे पांच अक्तूबर तक होना है. सर्वे टीमें 10 अक्तूबर तक अपनी रिपोर्ट देंगी और जिलाधिकारी 25 अक्तूबर तक सर्वे का डाटा और रिपोर्ट शासन को भेजेंगे.
यह जानकारी जुटाएगी सरकार
इस सर्वेक्षण में मदरसे का नाम,उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम,मदरसा निजी या किराए के भवन में चल रहा है इसकी जानकारी, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या,पेयजल,फर्नीचर,बिजली आपूर्ति, शौचालय की व्यवस्था, शिक्षकों की संख्या, पाठ्यक्रम, आय के स्रोत, गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता से संबंधित सूचनाएं ली जाएंगी. इसके अलावा सर्वे में मदरसे के टीचरों की स्थिति, उनको मिलने वाले वेतन-भत्तों की जानकारी इस सर्वेक्षण में जुटाई जाएगी.
क्या कह रहे हैं सर्वेक्षण के विरोधी
कई संगठन और राजनीतिक दल योगी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. वो इसे मुसलमानों को शक की नजर से देखने की कोशिश बता रहे हैं. इसका विरोध कर रहे लोग इसे छोटा एनआरसी बता रहे हैं. वहीं सरकार का कहना है कि प्रदेश में 16 हजार 513 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं. उसका कहना है कि इनके अलावा भी कई मदरसे खुल गए हैं. इन मदरसों को बोर्ड ने मान्यता नहीं दी है.सरकार का कहना है कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का डेटा सरकार के पास यह जांचने के लिए होना चाहिए कि वहां पढ़ने वाले छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुविधाएं मिल रही हैं या नहीं. सरकार का कहना है कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों की तरक्की सुनिश्चित करने के लिए यह सर्वेक्षण करवाया जा रहा है.
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Source: IOCL






















