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UP MLC Elections: एमएलसी की 6 सीटों से BJP का मुस्लिम विरोधी छवि को दूर करने का प्रयास, जातीय संतुलन भी साधा
MLC Elections: वर्तमान में 100 सदस्यीय यूपी विधान परिषद में बीजेपी के 74 सदस्य हैं, जबकि प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के नौ सदस्य हैं. आठ सीटें फिलहाल खाली हैं.
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UP MLC Elections 2023: भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद में राज्यपाल द्वारा मनोनीत किये जाने वाले सदस्यों के लिए छह नाम प्रस्तावित किया है, जिनमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर और प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र के पुत्र का नाम भी शामिल है. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी. बीजेपी सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने इसके जरिये जातीय संतुलन साधने की कोशिश के साथ ही मुस्लिम विरोधी छवि को भी दूर करने का प्रयास किया है.
बीजेपी की सूची अभी राज्यपाल की स्वीकृति के साथ जारी नहीं हुई है, लेकिन प्रस्तावित सूची के नाम सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हो गये हैं. बीजेपी और सरकार के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है. यूपी विधान परिषद के अधिकारियों के अनुसार, राज्यपाल यूपी विधानमंडल के उच्च सदन में 10 सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं.
वर्तमान में 100 सदस्यीय यूपी विधान परिषद में बीजेपी के 74 सदस्य हैं, जबकि प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के नौ, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), अपना दल (सोनेलाल), निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद), जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और शिक्षक दल (गैर-राजनीतिक) के एक-एक सदस्य हैं. इसके अलावा स्वतंत्र समूह और निर्दलीय के दो-दो सदस्य हैं. आठ सीटें फिलहाल खाली हैं.
मुख्यमंत्री कार्यालय और बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि छह नामों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा का नाम शामिल हैं. वर्तमान में नृपेंद्र मिश्र श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष हैं. साकेत ने 2019 में श्रावस्ती संसदीय क्षेत्र से बीजेपी का टिकट मांगा था, लेकिन यह दद्दन मिश्रा को दिया गया था, जो बसपा के राम शिरोमणि वर्मा से हार गए थे.
प्रोफेसर तारिक मंसूर AMU के कुलपति हैं
सूत्रों ने बताया कि अन्य लोगों में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर, अम्बेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल, यूपी बीजेपी ब्रज क्षेत्र इकाई के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी, बीजेपी वाराणसी जिला इकाई के अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा और आजमगढ़ के अधिवक्ता रामसूरत राजभर के भी नाम शामिल हैं. यूपी बीजेपी नेताओं के अनुसार, साकेत मिश्रा एक निवेश बैंकर, नीति योगदानकर्ता और पूर्वांचल विकास बोर्ड के सलाहकार हैं. वह भारतीय प्रबंधन संस्थान, कलकत्ता और सेंट स्टीफेंस कॉलेज के पूर्व छात्र हैं.
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प्रोफेसर तारिक मंसूर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति हैं. इससे पहले, उन्होंने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया. बीजेपी ने तारिक मंसूर के जरिये मुसलमानों में अपनी पकड़ बनाने की पहल की है तो लालजी प्रसाद निर्मल दलित वर्ग, हंसराज विश्वकर्मा और रामसूरत राजभर अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं. साकेत मिश्र ब्राह्मण और रजनीकांत वैश्य समाज से आते हैं. राजभर ने 2022 का विधानसभा चुनाव आजमगढ़ जिले के फूलपुर पवई से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था, लेकिन समाजवादी पार्टी के रमाकांत यादव से हार गए थे.
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