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UP Politics: अखिलेश यादव के लिए आसान नहीं था ये फैसला, आखिरी वक्त में बदला नाम, जानें- कहां फंसा था पेंच?
UP MLC Election 2024: यूपी विधान परिषद चुनाव के लिए प्रत्याशियों का चयन करना इस बार अखिलेश यादव के लिए काफी मुश्किल हो गया था. रविवार रात तक पार्टी में नामों पर मंथन होता रहा.
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UP MLC Election 2024: यूपी विधान परिषद की 13 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए सपा की ओर से तीन प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है. इन तीनों के नामों पर मुहर लगाना सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए उतना भी आसान नहीं था. दरअसल अखिलेश यादव पहले हाल ही में बसपा से आए गुड्डू जमाली, किरणपाल कश्यप और आलोक शाक्य को विधान परिषद भेजना चाहते थे. उनके नाम पर लगभग मुहर भी लग चुकी थी लेकिन तभी बलराम यादव ने अपनी आपत्ति जता दी.
बलराम यादव ने साफ कहा कि इस बार वो विधान परिषद जाना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने अपनी उम्र का भी हवाला दिया. अखिलेश यादव की पहली पसंद मैनपुरी जिलाध्यक्ष आलोक शाक्य थे, लेकिन बलराम यादव की जिद के आगे उन्हें झुकना पड़ गया.
बलराम यादव की जिद के आगे झुके
खबरों के मानें तो अखिलेश यादव ने बलराम यादव को काफी समय तक समझाने की कोशिश की, जिसके बाद आलोक शाक्य और उन्हें आमने-सामने बिठाकर भी बातचीत करने की कोशिश की गई. बलराम यादव ने सपा अध्यक्ष के सामने अपनी उम्र का भी हवाला दिया, जिसके आलोक शाक्य खुद ही पीछे हट गए.
सपा अध्यक्ष ने इस बार अपने पीडीए के फॉर्मूले को भी साथ रखने की कोशिश की. बसपा से आए गुड्डू जमाली को विधान परिषद भेजकर सपा ने आजमगढ़ के किले को और मजबूत कर लिया लिया है. जमाली का इस क्षेत्र में खासा प्रभाव है. पिछले उपचुनाव में उन्हें ढाई लाख से ज्यादा वोट मिले थे.
सपा के तीसरे उम्मीदवार किरण पाल कश्यप भी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में आते हैं. उनके नाम पर पहले ही मुहर लग गई थी. उनकी कश्यप वोटरों पर खासी पकड़ मानी जाती है. सपा की कोशिश है कि पार्टी से ज्यादा से ज्यादा जातियों के लोगों को जोड़ा जाए. राज्यसभा चुनाव से सबक लेते हुए सपा ने इस बार अतिरिक्त प्रत्याशी भी नहीं उतारा.
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