प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं पर 26 जिलों के पुलिस कप्तानों से जवाब मांगा गया
उत्तर प्रदेश में कई शहरों में प्रदूषण का हाल बुरा है। राज्य सरकार अब सख्त कार्रवाई करने के मूड में नजर आ रही है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने तकरीबन दो दर्जन से अधिक शहरों के कप्तानों से जवाब तलब किया है

लखनऊ, एजेंसी। प्रदूषण को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार अब सख्त होने जा रही है। पराली जलाये जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर शासन की ओर से दिये गये निर्देशों के बावजूद प्रदेश के कुछ जिलों से पराली के अवशेष जलाए जाने की घटनाएं सामने आने पर अपर मुख्य सचिव (गृह) ने चिंता जाहिर की और इस संबंध में 26 जिलों के पुलिस कप्तान से जवाब तलब किया है।
अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने रविवार रात एक बयान में यहां कहा कि शासन ने इसे अत्यन्त गम्भीरता से लेते हुए कड़ा रुख अपनाया है। इस संबंध में प्रदेश के 26 जिलों के पुलिस कप्तानों से शासन ने तीन दिसंबर तक जवाब मांगा है। शासन की तरफ से इन पुलिस कप्तानों को पिछले साल एक अक्टूबर से 25 नवम्बर तक तथा इस वर्ष इस अवधि में पराली जलाये जाने की घटनाओं की सूची भी भेजी गयी है।
इनमें शामली, मेरठ, बुलन्दशहर, गौतमबुद्धनगर, बागपत, हापुड़, आगरा, फिरोजाबाद, हाथरस, कासीराम नगर, बदायू, मुरादाबाद, ज्योतिबाफूलेनगर, संभल, कानपुर देहात, फर्रूखाबाद, कन्नौज, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट, भदोही, अमेठी, जालौन तथा रामपुर जिले के पुलिस कप्तान शामिल हैं।
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