UP Assistant Professor Recruitment: यूपी में 16-17 अप्रैल को होगी सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा, 82,876 अभ्यर्थी होंगे शामिल
UP Assistant Professor Recruitment: यूपी के सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों में सहायक आचार्य की नियुक्ति के लिए 16-17 अप्रैल को परीक्षा आयोजित की जाएगी. इस परीक्षा 82,876 परीक्षार्थी शामिल होंगे.

UP Assistant Professor Recruitment Exam Date: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन रोजगार को गति देने के तहत सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा 16 और 17 अप्रैल को प्रदेश के 6 जनपदों में आयोजित की जाएगी. परीक्षा को पूरी तरह से नकलविहीन, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं. आयोग व प्रशासन की संयुक्त निगरानी में यह परीक्षा दो पालियों में संपन्न होगी. इस परीक्षा में कुल 82,876 परीक्षार्थी शामिल होंगे.
परीक्षा का आयोजन आगरा, मेरठ, प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी के 52 परीक्षा केंद्रों पर होगा. सबसे अधिक 18,240 अभ्यर्थी प्रयागराज में परीक्षा देंगे, जबकि मेरठ में 16,010, गोरखपुर में 15,602, लखनऊ में 13,528, वाराणसी में 10,958 और आगरा में 8,538 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे। मेरठ, प्रयागराज और गोरखपुर में सर्वाधिक 10-10 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, वहीं लखनऊ में 9, वाराणसी में 7 और आगरा में 6 केंद्र होंगे.
परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा के विशेष प्लान
ये परीक्षा प्रत्येक केंद्र पर दो पाली में कराई जाएगी. सीएम योगी के निर्देश पर परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा को लेकर विशेष प्लान तैयार किया गया है. प्रत्येक केंद्र पर सेक्टर मजिस्ट्रेट और स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की जा रही है. केंद्रों पर पूरी तरह से सशस्त्र पुलिस बल की व्यवस्था होगी. गोपनीय परीक्षा सामग्री के वितरण और संग्रहण के लिए कोषागार से आयोग कार्यालय तक विशेष सुरक्षा के साथ परिवहन की व्यवस्था की गई है. सीसीटीवी से परीक्षा केंद्रों पर निगरानी रखी जाएगी.
मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश है कि राज्य की किसी भी भर्ती परीक्षा में किसी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसी के तहत आयोग के अध्यक्ष, नामित सदस्य, जनपदीय पर्यवेक्षक और केंद्र प्रभारी परीक्षा की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखेंगे. इसका उद्देश्य योग्य अभ्यर्थियों को पूरी ईमानदारी के साथ अवसर प्रदान करना है, जिससे युवाओं का विश्वास पुनः बहाल हो सके. सरकार की मंशा है कि युवाओं को योग्यता के आधार पर अवसर मिले और मिशन रोजगार के तहत अधिक से अधिक नौजवान सरकारी सेवाओं से जुड़ सकें.
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