Udham Singh Nagar News: उधम सिंह नगर में दो सूत्रीय मांगों को लेकर वकीलों का विरोध जारी, सीएम धामी के नाम सौंपा ज्ञापन
Uttarakhand News: वैवाहिक पंजीकरण और वसीयत पंजीकरण को सीएससी के माध्यम से कराएं जाने एवं प्रस्तावित पेपरलेस बैनामा पंजीकरण का उधम सिंह नगर वकील लगातार विरोध कर रहे हैं.

Uttarakhand UCC: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून 2025 के लागू होने के बाद से वैवाहिक पंजीकरण और वसीयत पंजीकरण को सीएससी के माध्यम से कराएं जाने एवं प्रस्तावित पेपरलेस बैनामा पंजीकरण का विरोध हो रहा है. उधम सिंह नगर में जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिवाकर पांडे के नेतृत्व में सैकड़ों अधिवक्ताओं ने एआईजी ऑफिस से लेकर डीएम ऑफिस तक रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. इसके उपरांत अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन ओसी कलेक्ट्रेट गौरव पांडे को सौंपा. अधिवक्ताओं और दस्तावेज लेखाकारों ने मांग पूरी ना होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.
उधम सिंह नगर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिवाकर पांडे के नेतृत्व में जिले के तमाम अधिवक्ताओं ने दो सूत्रीय मांगों को लेकर एआईजी ऑफिस से लेकर डीएम ऑफिस तक रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. अधिवक्ताओं ने डीएम कार्यालय पहुंचकर ओसी कलेक्ट्रेट गौरव पांडे को मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में बताया कि समान नागरिक संहिता नियमावली उत्तराखंड 2025 के तहत विवाह एवं इच्छा पत्र का पंजीकरण सीएससी सेंटर के स्थान पर पृथक से अधिवक्ताओं और दस्तावेज लेखाकारों हेतु पोर्टल बनाया जाये, जिससे कि पूर्व की भांति के दस्तावेज लेखाकारों और अधिवक्ताओं के हित सुरक्षित रहें. साथ ही प्रास्ताविक पेपरलेस बैनामा का पंजीकरण करने की स्थिति में दस्तावेज लेखाकारों और अधिवक्ताओं के हितों को सुरक्षित किया जाए.
पेपरलेस बैनामा पंजीकरण का विरोध कर रहे अधिवक्ता
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिवाकर पांडे ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी लागू किया हैं. यूसीसी लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण और वसीयत पंजीकरण को सीएससी सेंटरों के माध्यम से किया जाएगा, ऐसा करने से दस्तावेज लेखाकारों और अधिवक्ताओं का भारी नुकसान हुआ है.
इसके साथ ही सरकार पेपरलेस बैनामा पंजीकरण करने की तैयारी कर रही है, इसका सीधा असर अधिवक्ताओं और दस्तावेज लेखाकारों पर पड़ने वाला है. उन्होंने कहा कि सरकार को इन दोनों बिंदुओं पर पुनः विचार कर अधिवक्ताओं और दस्तावेज लेखाकारों के हितों को ध्यान में तत्काल कार्रवाई करें. अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया तो अधिवक्ताओं और दस्तावेज लेखाकारों के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो जाएगा.
ये भी पढ़ें: संभल जामा मस्जिद में रंगाई पुताई, मरम्मत का काम होगा या नहीं? 10 मार्च को आ सकता है फैसला
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























