UAE में खुले मंच पर डांस से बवाल! मुस्लिम धर्मगुरु बोले- इस्लामी तहज़ीब का अपमान
अमेरिकी राष्ट्रपति के स्वागत में खुले मंच पर ‘हेयर फ्लिपिंग डांस’ करती नजर आ रही हैं. इस वीडियो को लेकर मुस्लिम समाज के धार्मिक और सामाजिक वर्ग में नाराजगी देखी जा रही है.

UP News: हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें कुछ युवतियां अमेरिकी राष्ट्रपति के स्वागत में खुले मंच पर ‘हेयर फ्लिपिंग डांस’ करती नजर आ रही हैं. इस वीडियो को लेकर मुस्लिम समाज के धार्मिक और सामाजिक वर्ग में नाराजगी देखी जा रही है. देवबंद के वरिष्ठ मौलाना और जमीयत दावातुल मुस्लिमीन के संरक्षक मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने इस घटना को इस्लामी तहज़ीब पर सीधा हमला बताया है और इसे पूरी तरह निंदनीय करार दिया है.
मौलाना गोरा ने कहा कि इस तरह के प्रदर्शन को ‘इस्लामी संस्कृति’ के नाम पर दिखाया जाना न केवल गुमराह करने वाला है बल्कि जानबूझकर किया गया एक सांस्कृतिक हमला भी प्रतीत होता है. उन्होंने दो टूक कहा कि इस्लाम ने औरत को पर्दे और इज्जत के साथ रखने की सीख दी है. उन्हें मंच पर लाकर ऐसे प्रदर्शन करवाना इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ है.
पर्दा बंदिश नहीं सम्मान की चादर
उन्होंने कहा कि “इस्लाम में औरत को एक अनमोल मोती की तरह समझा गया है. जैसे किसी कीमती चीज़ को ढककर रखा जाता है, वैसे ही औरत को भी पर्दे में रहकर इज्जत से जिंदगी जीने की हिदायत दी गई है. पर्दा कोई बंदिश नहीं, बल्कि सम्मान की चादर है.
इस्लामी संस्कृति नाच-गाने की संस्कृति नहीं
यूएई मुस्लिम बहुल देश है, जहां इस्लामी शरीयत को राज्य कानूनों में भी अहम स्थान मिला हुआ है. ऐसे में वहां इस तरह के प्रदर्शन का सामने आना, और उसे आधिकारिक कार्यक्रमों में शामिल करना मुस्लिम समुदाय को आहत करता है. मौलाना ने कहा कि इस्लामी संस्कृति नाच-गाने और कैमरे के सामने प्रदर्शन की संस्कृति नहीं है. इस्लाम तालीम, तहज़ीब, हया और इख़लास की मिसाल है.
इस्लामी अस्मिता पर हमला
उन्होंने इस घटना को “इस्लामी अस्मिता पर हमला” करार दिया और सभी मुस्लिम देशों के शासकों और उलेमाओं से अपील की कि ऐसे फितनों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज बुलंद करें. उन्होंने यह भी कहा कि “इस्लामी हुकूमतों को चाहिए कि वे अपनी सरज़मीं को ऐसे प्रदर्शन और गुमराह करने वाली गतिविधियों से बचाएं जो उम्मत को फितने और गुमराही में धकेल सकती हैं.
आधुनिकता और पर्यटन को बढ़ावा
संयुक्त अरब अमीरात एक इस्लामी देश है, लेकिन हाल के वर्षों में उसने अपनी वैश्विक छवि को आधुनिक और समावेशी दिखाने के लिए कई सांस्कृतिक बदलाव किए हैं. अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यूएई में कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इसी सिलसिले में अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे पर एक स्वागत कार्यक्रम में युवतियों द्वारा डांस किया गया, जिसे कुछ मीडिया माध्यमों में ‘अरबी संस्कृति’ से जोड़ा गया. इसी पर मुस्लिम उलेमा और समाज में तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है.
दीनी नुकसान से तरक्की नहीं
मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा का बयान ऐसे वक्त में आया है जब मुस्लिम समाज अपनी संस्कृति और पहचान को लेकर वैश्विक मंचों पर सजग होता जा रहा है. उन्होंने साफ कहा कि “दीनी नुकसान से बड़ी कोई दुनिया की तरक्की नहीं हो सकती.
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Source: IOCL























