अयोध्या में मंदिर निर्माण से हिंदू-मुससमानों की बीच खत्म होगा तलाक: तारिक फतेह
पाकिस्तानी पत्रकार व आलोचक तारिक फतेह ने कहा कि इतिहास में कई बातों का जिक्र होना जरूरी है। विशेषतौर पर उन राजाओं के बारे में बताया जाये जिन्होंने आक्रमणकारियों को खदेड़ा

अलीगढ़, एबीपी गंगा। देश में संशोधित नागरकिता कानून को लेकर बहस छिड़ी हुई है, कई जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच अलीगढ़ के डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर चर्चा हुई। इसका विषय था, 'श्रीराम : वैश्विक सुशासन के प्रणेता' और वक्ता के तौर पर मौजूद केरल के राज्यपाल और उदार विचारों के लिए प्रख्यात आरिफ मोहम्मद खान और पाकिस्तानी मूल के जाने-माने पत्रकार एवं आलोचक तारिक फतेह ने प्रस्तावित विषय पर अपने चिर परिचित अंदाज में बेखौफ बातें कहीं।
तारिक ने कहा कि अयोध्या में राममंदिर निर्माण से हिंदुओं और मुस्लिमों का तलाक खत्म होगा। इशारों में इतिहास के पुनर्लेखन की वकालत की। उन्होंने कहा, तमाम ऐसे राजा और शासक हुए, जिन्होंने आक्रमणकारियों को खदेड़ा, लेकिन उनके बारे में युवा नहीं जानते। उन्होंने भारतीयों की चिरपरिचित उदारता की कमजोरियों के साथ इसकी खूबियों का भी उल्लेख किया और कहा, इस देश के प्रति मुस्लिमों का जो सुलूक रहा है, उसके चलते उन्हें मतदान तक का अधिकार न मिलता, पर शुक्र है कि वे हिंदुस्तान में हैं। तारिक ने इस्लामिक आक्रांताओं की बर्बरता और उसके बाद भारत की अस्मिता को चोट पहुंचाने के लिए मुस्लिमों को माफी मांगने की सलाह दी और कहा, उन्हें तभी इंसाफ मिलेगा जब तक वे अपने पूर्वजों के गुनाह न कुबूल कर लें।
उन्होंने सीएए के खिलाफ विश्वविद्यालयों में हुए प्रदर्शन पर कहा कि धर्म के नाम पर विश्वविद्यालयों का नाम नहीं होना चाहिए। तारिक ने जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी को पूरी तरह से सरकारी नियंत्रण में लेने की वकालत की।
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