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Ramcharitmanas Row: 'अपमान की पीड़ा वही समझता है, जिसे अपमानित किया जाता है', रामचरितमानस पर फिर बोले स्वामी प्रसाद मौर्य
Ramcharitmanas Row in UP: स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हमने आराध्य ग्रंथ के खिलाफ बात नहीं की थी. हमने रामचरितमानस की चौपायों के वे अंश हटाने की बात कही थी, जो महिलाओं व शूद्रों को अपमानित करता है.
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Ramcharitmanas Row News: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर देश भर में मचे बवाल पर ने अपनी सफाई दी है. अपनी सफाई में मौर्य ने कहा कि मैं किसी धर्म ग्रंथ के खिलाफ नहीं हूं. मैं उस धर्म ग्रंथ में नारी और शूद्रों के लिखी गई बकवास को हटाने की बात कह रहा था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अपमानित होने वाले से उनकी पीड़ा पूछिए. गांधी जी को जब ट्रेन में अपमानित किया गया था, उस पीड़ा को सिर्फ वे ही जानते हैं.
पूरा ग्रंथ का विरोध नहीं किया
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हमने किसी भी आराध्य ग्रंथ के खिलाफ बात नहीं की थी. हमने रामचरितमानस की चौपायों के कुछ अंशों को हटाने की बात कही थी, जो महिलाओं और शुद्र समाज को अपमानित करता है. इसलिए मैंने कहा था कि इसको बैन किया जाए. इसके बाद उन्होंने कहा कि लोग इसको अपने धर्म से जोड़ लेते हैं.
न्याय की बात से मुठ्ठी भर लोग होते हैं परेशान
मौर्य ने कहा कि अगर मैं न्याय दिलाने की बात करता हूं, तो कुछ मुट्ठी भर लोग परेशान क्यों हैं. उन्होंने कहा कि मैं 97 फीसदी लोगों को न्याय दिलाने की बात कर रहा हूं. इसके बाद उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि ये कैसा धर्म है, जो अपने ही धर्म के लोगों को अपमानित करता है. इस पर चिंतन और मनन करने की जगह सब चिल्ली बघार रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि लोग अलग-अलग बात कर के मुद्दे से हटाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अगर शूद्रों को हिन्दू मानते हैं तो उनका सम्मान क्यों नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे तरह-तरह की धमकियां मिल रही है, लेकिन, मैं उनसे डरने वाला नहीं हूं. उन्होंने कहा कि ये जो मुट्ठी भर लोग गाली देने और अपमानित करने का काम करते हैं. हम उनकी आंखें खोलना चाहते हैं.
धीरेंद्र शास्त्री पर दिया ये बयान
मौर्य ने मीडिया में चर्चित बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान पर कहा भारतीय संविधान किसी भी धर्म ग्रंथ और पंत से ज्यादा महत्वपूर्ण है. सब कुछ इसी से चलता है. अगर हिंदू है, तो धर्म के नाम पर अपमान क्यों किया जा रहा है. ये सब खत्म होना चाहिए.
विएचपी नेताओं को बताया नादान
वही, एमएलसी चुनाव के परिणाम पर उन्होंने कहा कि हमें लोकतंत्र पर पूरा विश्वास है. परिणाम आने तक कुछ भी कहना सही नहीं है. हालांकि, मायावती के ट्वीट पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि बहन जी बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उन पर टिप्पणी करना उचित नहीं है. वहीं, लगातार मिल रही धमकियों पर कहा कि सरकार को खुद हमारी सुरक्षा बढ़ानी चाहिए. इसके अलावा वीएचपी के चुनाव आयोग जाने पर कहा कि वो नादान लोग हैं, उन्हें पता नहीं है कोई शब्द निकालने की बात करना कोई अपराध नहीं है.
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