यूपी: ससुर की मौत के बाद नहीं मिले चार कंधे, ठेले पर शव लादकर श्मशान घाट पहुंचा दामाद
गोरखपुर में ससुर की मौत के बाद जब पार्थिव शरीर को कंधा देने के लिए चार लोग नहीं मिले तो लाचार दामाद ठेले पर ही शव लादकर श्मशान घाट पहुंच गया. उसने खुद ही ससुर का अंतिम संस्कार कर दिया.

गोरखपुर. कोरोना काल में इसे सिस्टम की लाचारी नहीं तो और क्या कहें. आम इंसान कोरोना महामारी में किस कदर लाचार है, इसका अंदाजा गोरखपुर की एक घटना से लगाया जा सकता है. जब मौत के बाद ससुर की लाश को श्मशान तक ले जाने के लिए दामाद को चार कंधे नहीं मिले. तो उसने सरकारी एंबुलेंस के लिए कॉल किया. शव ले जाने के लिए एंबुलेंस का भी जुगाड़ नहीं हो सका तो खुद ही ठेले पर शव लादकर श्मशान घाट पहुंच गया. वहां पर मौजूद लोगों की मदद से शव को उतरवा कर उसका अंतिम संस्कार कराया.
गोरखपुर के बड़हलगंज ब्लाक के भैंसवली गांव में 100 वर्षीय भागवत गुप्ता अपनी बेटी के घर रहते थे. मंगलवार को उनकी मौत हो गई. दामाद पारसनाथ गुप्ता ने सुसर की मौत के बाद उनके शव को सरकारी एंबुलेंस से श्मशानघाट ले जाने के लिए कॉल किया. दूसरी ओर से कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद पारस ससुर का शव ठेले पर लेकर मुक्ति पथ पर पहुंच गए. पारस नाथ गुप्ता ने बताया कि गांव का कोई व्यक्ति सहयोग करने नहीं आया. तो वे ठेले पर ससुर का शव लेकर यहां पहुंच गए. उन्होंने कुछ लोगों के सहयोग से शव को नीचे उतारा और उनका खुद ही अंतिम संस्कार किया.
भागवत के पुत्र नहीं थे
भागवत वे काफी दिनों से भैंसवली में अपने दामाद पारसनाथ गुप्ता के यहां ही रहते थे. तीन-चार दिन पहले उन्हें खांसी और बुखार की शिकायत हुई. इलाज के लिए उन्हें एक प्राइवेट अस्पताल में दिखाया गया. जहां चिकित्सक ने दवा देकर घर भेज दिया. दवा खाने के बाद वे ठीक रहे हैं. मंगलवार की दोपहर खाना खाने के लिए बैठे और अचानक उनकी मौत हो गई. परिवारीजनों ने बताया कि उनका कोविड टेस्ट नहीं हुआ था. मौत की सूचना पर गांव के लोग डर गए. कोई उनके अंतिम संस्कार में आने को तैयार नहीं हुआ. कंधा देने के लिए भी जब कोई नहीं मिला, तो मजबूरी में ठेले पर दामाद को शव लेकर श्मशान जाना पड़ा.
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Source: IOCL





















