यूपी में 4 नवंबर से शुरू होने जा रहा है SIR, ये दस्तावेज रखें तैयार नहीं तो होगी मुश्किल
Uttar Pradesh SIR: उत्तर प्रदेश में मंगलवार 4 नवंबर से एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हो रही है. पहले चरण में बीएलओ घर-घर जाकर लोगों को एन्यूमरेशन फॉर्म देंगे.

उत्तर प्रदेश में 4 नवंबर से स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न यानी एसआईआर की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, इसका उद्देश्य राज्य में मतदाता सूची का शुद्धिकरण करना है, जिसके तहत वोटर लिस्ट से फर्जी या डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान करना है. प्रदेश में 22 साल पर फिर से ये प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. चुनाव आयोग का दावा है कि ये प्रक्रिया पारदर्शी और सरल तरीके संपन्न होगी.
राज्य चुनाव आयोग ने एसआईआर को लेकर सभी राजनीतिक दलों से बातचीत की है. मंगलवार से बीएलओ घर-घर पहुंचने लगेंगे और मतदाताओं से संपर्क कर उन्हें एन्यूमरेशन फॉर्म देंगे. इस फॉर्म में सभी जानकारी भरकर इसकी दो प्रतियां वोटरों से ली जाएंगी. इनमें से एक प्रति बीएलओ के पास रहेगी जबकि दूसरी मतदाता को दी जाएगी.
अगर किसी परिवार में मतदाता उपस्थिति नहीं हो तो ऐसे में परिवार का कोई अन्य सदस्य या वो रिश्ते की जानकारी देते हुए फॉर्म पर हस्ताक्षर कर सकता है. इस फॉर्म में मतदाताओं के माता-पिता का नाम, मोबाइल नंबर, आधार संख्या की जानकारी देनी होंगी.
घर-घर जाकर एन्यूमरेशन फॉर्म देंगे बीएलओ
पहले चरण में बीएलओ घर-घर जाकर एन्यूमरेशन फॉर्म देंगे, जिसे भरकर जमा करना होगा. इस दौरान किसी दस्तावेज की ज़रूरत नहीं होगी बाद में जिनका नाम 2003 की वोटर लिस्ट से लिंक नहीं होगा तो आयोग की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा और फिर घोषित दस्तावेज जमा कराने होंगे.
जिन लोगों का जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले हुआ है और उनका नाम 2003 की वोटर लिस्ट में है तो उन्हें सिर्फ लिस्ट की कॉपी देनी होगी. लेकिन, अगर ऐसा नहीं है तो दिए गए 11 दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा. जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच हुआ है तो उन्हें अपना या माता-पिता का दस्तावेज जमा कराना होगा.
एसआईआर के लिए मान्य होंगे ये दस्तावेज
- जन्म प्रमाण-पत्र
- 10वीं या किसी अन्य परीक्षा का प्रमाण-पत्र
- पासपोर्ट, सरकारी जमीन और मकान के कागजात
- जाति प्रमाण-पत्र
- 1 जुलाई 1987 से पहले का कोई सरकारी ID या प्रमाण-पत्र
- मूल निवास प्रमाण-पत्र
- सरकारी नौकरी का पहचान पत्र या पेंशन पेमेंट ऑर्डर
- परिवार रजिस्टर की नकल
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की प्रविष्टि
- वन अधिकार प्रमाण-पत्र जैसे दस्तावेज मान्य हैं.
यूपी में इससे पहले साल 2003 में एसआईआर किया गया, चुनाव आयोग का कहना है कि साल 2003 की वोटर लिस्ट का वर्तमान लिस्ट से मिलान किया गया है, इनमें से 48 फ़ीसद वोटरों के नाम दोनों सूची में शामिल है. राहत की बात ये हैं कि इस प्रक्रिया में 70 फीसद मतदाताओं को कोई दस्तावेज जमा नहीं करने पड़ेंगे. कई ऐसे मतदाता, जिनके माता-पिता का नाम भी पहले से सूची में शामिल हैं उन्हें भी कोई पहचान या आवास प्रमाण पत्र नहीं देना होगा.
Source: IOCL























