UP Politics: शिवपाल यादव की सपा में नहीं सुनी जा रही बात? निकाय चुनाव के बीच इस वजह से उठे सवाल
UP Nagar Nikay Chunav 2023: अजय त्रिपाठी मुन्ना ने दावा किया कि शिवपाल यादव ने खुद सपा के पदाधिकारियों को बुलाकर एक सूची दी थी. लेकिन यह दुर्भाग्य है कि एक सिंगल व्यक्ति का भी टिकट नहीं किया गया.

Lucknow News: बीजेपी (BJP) में शामिल होने वाले सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के खास अजय त्रिपाठी मुन्ना ने कहा कि सपा में शिवपाल यादव की नहीं सुनी जा रही. हम आज भी शिवपाल यादव के प्रशंसक हैं, उनका सम्मान करते हैं. जब समाजवादी पार्टी में कार्यकर्ताओं, नेताओं का सम्मान होना बंद हो गया तो हम प्रसपा में आ गए. प्रसपा को बनाने से लेकर 6 साल चलाने तक 12 मुकदमे मेरे ऊपर दर्ज हुए. उसके बाद भी पूरी ईमानदारी के साथ काम किया. पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे. प्रसपा का सपा में विलय के बाद एक भी कार्यकर्ता को नगर पालिका से लेकर टाउन एरिया तक टिकट ना मिल पाना, प्रसपा से जुड़े किसी व्यक्ति का सपा में समायोजन ना होना दुखद है. हमने पार्टी में कार्यकर्ताओं को चेयरमैन, पार्षद का टिकट मिले इसके लिए अनुरोध किया. हमने एक सूची भी दी, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि एक भी कार्यकर्ता को जो प्रसपा से जुड़ा था उसे टिकट नहीं हो पाया. उसी दिन हमने सपा छोड़ने का निर्णय ले लिया.
अजय त्रिपाठी मुन्ना ने दावा किया कि शिवपाल यादव ने खुद सपा के जिम्मेदार पदाधिकारियों को बुलाकर एक सूची दी थी. सिर्फ लखनऊ में ही करीब 40 पार्षद प्रत्याशी की सूची थी. लेकिन यह दुर्भाग्य है कि एक सिंगल व्यक्ति का भी टिकट नहीं किया गया. हमारे साथ टिकट मांगने वाले वह लोग थे जिनमें कोई तीन बार का पार्षद रहा, कोई दो बार का पार्षद रहा, कोई निर्दलीय पार्षद रहा. ऐसे लोगों के भी टिकट काट दिए. जिम्मेदार कार्यकर्ताओं का सम्मान ना होना किसी भी पार्टी के पतन का कारण बनता है. अगर शिवपाल यादव की सुनी जाती तो आज अजय त्रिपाठी मुन्ना को हजारों कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा ज्वाइन ना करनी पड़ती.
शिवपाल यादव से कोई नाराजगी नहीं- अजय त्रिपाठी
अजय त्रिपाठी ने कहा कि हमारी शिवपाल यादव से कोई नाराजगी नहीं है. हम तो पहले सपा में तीन बार प्रदेश सचिव रहे, अखिलेश यादव की टीम में रहे. विधानसभा का उपचुनाव प्रभारी, लखनऊ से लोकसभा चुनाव का प्रभारी रहा. उसके बावजूद सम्मान ना मिलना यह मेरा और सपा दोनों का दुर्भाग्य. मेरी भाजपा से कोई शर्त नहीं है हम बिना शर्त भाजपा में आए हैं.
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