'बजट में किसानों के साथ हो रहा छलावा', सपा सांसद का केंद्र सरकार पर हमला
UP News: राज्यसभा सांसद व सपा नेता रामजीलाल सुमन ने बजट को लेकर सरकार को घेरा है. सपा नेता ने बजट में किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाया है.

UP Politics: समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन (Ramji Lal Suman) ने बजट में किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाया है. रामजीलाल सुमन ने कहा कि भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार घोषणाएं कुछ भी कर ले पर आंकड़ों में स्पष्ट है कि सरकार के दावे हवा हवाई है. सरकार किसानों के लिए केवल घोषणा करती है, जबकि धरातल पर हकीकत कुछ ओर होती है. सपा ने कहा कि सरकार किसानों के लिए बजट कम करती जा रही है और घोषणा दोगुनी आय की करती है.
सपा राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने कहा प्रधानमंत्री की सर्वाधिक महत्वकांशी किसान फसल बीमा योजना के लिए पिछले सात वर्षों में सबसे कम धन आवंटित हुआ है. वर्ष 2024-25 में आवंटित 15864 करोड़ रुपये की तुलना में 2025-26 में यह धनराशि 12242 करोड़ रुपये आवंटित की गई जो पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत कम है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा यह योजना फरवरी 2016 में शुरू की गई थी, किसानों का इस योजना से मोहभंग होने का प्रमुख कारण है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल के नुकसान का भुगतान बहुत देरी से होता है , फसल में नुकसान के भुगतान न होना या फिर देरी से होने के चलते प्रति वर्ष किसानों का आकर्षण इस योजना से कम होता जा रहा है.
'सरकार ने कृषि बजट में की कटौती'
सपा सांसद ने आगे कहा कि मजेदार बात यह है कि किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करने वाली केंद्र सरकार ने इस वर्ष के कृषि बजट में 2.5 प्रतिशत की कटौती की है, किसानों को नई तकनीक के नाम पर हमारे देश में 721 कृषि विज्ञान केंद्र है लेकिन जो शोध इन केंद्रों पर हो रहे है, वह जमीन पर दिखाई नहीं देते , किसान उससे कहीं लाभ नहीं ले पा रहा है. केंद्र सरकार लगातार किसानों के मुद्दे पर गंभीर होने का दिखावा करती है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को जिस तंत्र के जरिए पूर्ण लागू करना चाहिए उस तंत्र का अभाव है.
सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने कहा कि वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा कृषि के आवंटित राशि 593290 करोड़ में से 525669 करोड़ रुपये ही खर्च कर पाई. इसका सीधा मतलब है कि आवंटित राशि में से 67621 करोड़ रुपये खर्च ही नहीं कर पाई, इससे पता चलता है कि सरकार किसानों के लिए कितनी गंभीर है.
'चारे की कमी से गौशालाओं में मर रही गाय'
रामजीलाल सुमन ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का बजट अंधेरे में तीर मारने जैसा है, आवारा पशुओं से जो किसानों की फसल बर्बाद होती है उसके नुकसान की भरपाई कहीं से नहीं होती है. उसे किसान फसल बीमा योजना के तहत नहीं रखा गया जो किसानों के साथ एक मजाक है. आगे कहा कि पशुओं के चारे के लिए प्रतिदिन मिलने वाली राशि ने आंशिक बढ़ोत्तरी की है. उसे बढ़ाकर 50 रुपये प्रति पशु प्रतिदिन किया है, जो कि एक पशु का पेट भरने के लिए बेहद कम है. इसे बढ़ाकर 100 रुपये किया जाना चाहिए, गौशालाओं में गाय चारे की कमी से मर रही है, गोरक्षा के नाम पर राज्य सरकार का प्रबंध ऊंट के मुंह में जीरा है.
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Source: IOCL























