दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारत ताजमहल के चमेली फर्श का होगा कायाकल्प, बदले जाएंगे पत्थर
दुनिया को मोहब्बत का पैगाम देने वाले ताजमहल के कुछ हिस्सों में मरम्मत का काम किया जाना है। इसके एक हिस्से में चमेली फर्श के कुछ पत्थर खराब हो गये हैं या फिर उनका क्षरण हो गया है। एएसआई अब इन पत्थरों को बदलने का काम शुरू करेगा।

आगरा, नितिन उपाध्याय। दुनिया की खूबसूरत इमारत ताजमहल के चमेली फर्श को भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) रेनोवेट करने जा रहा है। इसके लिए पुरातत्त्व विभाग ने बाकायदा योजना बना ली है और जल्द ही इसका मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा। चमेली फर्श मुख्य इमारत के आस पास का फर्श है जो मेहमानखाना और मुमताजी मस्जिद के बीच का है।
ताजमहल के इस हिस्से में गड्ढे और टूटे पत्थर ताजमहल की खूबसूरती पर दाग लगा रहे हैं। लेकिन अब पुरातत्व विभाग इनको बदलने जा रहा है। उन पत्थरों को उखाड़ कर हूबहू वैसे ही पत्थर राजस्थान के धौलपुर की खदानों से मंगवाया जा रहा है।

दरअसल अधीक्षण पुरातत्व विभाग वसन्त कुमार स्वर्णकार के मुताबिक इस काम के लिए करीब 20 लाख रुपये की लागत आएगी। वैसे चमेली फर्श के ये पत्थर ताजमहल के 1648 में बनने के बाद एक दो बार ही रेनोवेट हुए हैं, लेकिन पहली बार इतने बड़े पैमाने पर काम हो रहा है। वसन्त कुमार स्वर्णकार के मुताबिक ये मरम्मत कार्य का जो एरिया है वो 300 मीटर लंबा और 110 मीटर के करीब चौड़ा है।

दरअसल ताजमहल को बने करीब पौने 4 सौ साल हो चुके हैं, ऐसे में एक ताजमहल का श्वेत पत्थर वाले हिस्से को छोड़कर बाकी हिस्से में भी लगातार क्षरण देखा जा रहा है, जो समय के साथ क्षरण होने के अलावा वातावरण का प्रभाव और पर्यटकों की आवाजाही भी एक बड़ा कारण है। ऐसे में उन्हीं पत्थरों को बदला जाएगा जो पूरी तरह खराब हो चुके हैं और तीन महीने में ये काम पूरा कर लिया जाएगा।
ताजमहल के चमेली फर्श के मरम्मत कार्य पर राष्ट्रीय स्मारक सुरक्षा समिति के अध्यक्ष मुनव्वर अली कहते हैं कि लंबे समय से उसका मरम्मत कार्य नहीं हुआ है और पत्थरों में गड्ढों की वजह से जलजमाव ताजमहल की नींव को कमजोर कर रहा है।
वसन्त कुमार स्वर्णकार का ये भी कहना है कि मरम्मत में उन पत्थरों को नहीं बदला जाएगा जो जिन पर मेशन मार्क है। और इस काम को हो जाने के बाद आगे के चरण में पाथ वे को ठीक किये जाने की योजना है।
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