'बेल मिली है, बरी नहीं हुए…', आजम खान की जेल से रिहाई पर BJP विधायक आकाश सक्सेना का बयान
Azam Khan News: बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने कहा कि मैं उनकी पैरवी कर रहा हूं कि जिनकी जमीनों को आजम खान ने अपने व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए जौहर विश्वविद्यालय में जबरदस्ती मिला लिया.

समाजवादी पार्टी नेता आजम खान सीतापुर जेल से 23 महीने बाद रिहा होकर बाहर निकल आए हैं. सपा नेता आजम खान की रिहाई को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल है और नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. इसी बीच रामपुर से बीजेपी विधायक और आजम खान के धुर्र विरोधी माने जाने वाले आकाश सक्सेना का भी बयान सामने आया है.
बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना से जब पूछा गया कि आजम खान लगभग 2 साल बाद जमानत पर जेल से रिहा होकर रामपुर आ रहे हैं. अब रामपुर की सियासत किस तरफ जाएगी? इस सवाल पर बीजेपी विधायक ने कहा कि ये उनका अपना निर्णय है कि वो क्या करते हैं, मैंने हमेशा से ही हम न्यायपालिका का बहुत सम्मान करते हैं और उसके हर निर्णय का बहुत सम्मान करते हैं. वहीं बीजेपी विधायक ने कहा कि अभी बेल मिली है, बरी नहीं हुए हैं. जो पैरवी है वो बहुत मजबूती से पहले भी चल रही थी और आगे भी बहुत मजबूती से चलेगी.
बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना से जब पूछा गया कि आजम खान के खिलाफ आप पैरोकारी कर रहे हैं तो कितने मुकदमे हैं, कितने मुकदमों में सजा हो गई है और कितने मुकदमे अभी ट्रायल पर हैं? इस पर बीजेपी विधायक ने कहा कि पहली बात तो मैं आजम खान के विरुद्ध पैरोकारी नहीं कर रहा, मैं आजम खान के द्वारा जो किए गए कृत थे उसके विरुद्ध पैरवी कर रहा हूं और मैं उन गरीब मुसलमानों की पैरवी कर रहा हूं. मैं उन रामपुर के गरीब दलित भाइयों की पैरवी कर रहा हूं. रामपुर के गरीब जो पिछड़े हैं उनकी पैरवी कर रहा हूं कि जिनकी जमीनों को आजम खान ने अपने व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए जौहर विश्वविद्यालय में जबरदस्ती मिला लिया.
आजम खान के नाम का कोई महत्व नहीं- आकाश सक्सेना
वहीं बीजेपी विधायक से जब पूछा गया कि यूपी पंचायत चुनवा और विधानसभा चुनाव पर आजम खान के बाहर आने की कितना असर पड़ेगा. इस सवाल पर आकाश सक्सेना ने कहा अब आजम खान के नाम का या आजम खान कोई बहुत ज्यादा महत्व इसलिए नहीं है कि जनता पूरी तरीके से यह जान चुकी है कि इनके द्वारा जो किए गए काम थे किस तरीके से इन्होंने समाजवादी पार्टी की सरकार में अपने आप को सरकार से ऊपर मानते हुए रामपुर में वो वो काम किए जिसने कभी जीवन में कोई सोच नहीं सकता था. इसका सीधा संदेश जनता को है, 10, 20 और 50 लोगों की बात हम छोड़ दें क्योंकि उन 10-20 और 50 लोगों का कोई ईमान कोई धर्म नहीं है.
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