प्रधानमंत्री मोदी देश को बताएं कि उनकी ट्रम्प से क्या बात हुई थी: राहुल गांधी
कश्मीर मसले पर मध्यस्थता के मुद्दे पर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। राहुल ने कहा कि इस विषय पर देश को बताया जाना चाहिए कि प्रधानमंत्री एवं ट्रम्प के बीच क्या बातचीत हुई थी।

नयी दिल्ली, भाषा। कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से मध्यस्थता का आग्रह करने से जुड़े अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि इस विषय पर देश को बताया जाना चाहिए कि प्रधानमंत्री एवं ट्रम्प के बीच क्या बातचीत हुई थी।
उन्होंने यह दावा भी किया कि अगर ट्रम्प की बात सही है तो फिर प्रधानमंत्री ने देश के हितों के साथ विश्वासघात किया है। गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रम्प कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के लिए कहा। अगर यह सच है तो प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के हितों और 1972 के शिमला समझौते के साथ विश्वासघात किया है।’’
गांधी ने कहा, ‘‘एक कमजोर विदेश मंत्रालय के इनकार करने से काम नहीं चलेगा। प्रधानमंत्री देश को बताएं कि उनके और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच मुलाकात में क्या बात हुई थी।’’
President Trump says PM Modi asked him to mediate between India & Pakistan on Kashmir! If true, PM Modi has betrayed India’s interests & 1972 Shimla Agreement. A weak Foreign Ministry denial won’t do. PM must tell the nation what transpired in the meeting between him & @POTUS
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 23, 2019
गौरतलब है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी और मुझे इसमें मध्यस्थता करने पर खुशी होगी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को ट्रम्प के दावे को सिरे से खारिज करते हुए संसद में कहा कि पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत सीमा पार से जारी आतंकवाद बंद होने के बाद हो पायेगी और यह लाहौर घोषणापत्र और शिमला समझौते के अंतर्गत ही होगी।
संसद के दोनों सदनों... लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष ने यह मुद्दा उठाया और विदेश मंत्री जयशंकर ने दोनों सदनों में बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम सदन को पूरी तरह आश्वस्त करना चाहेंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया गया है।
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Source: IOCL























