Haj Yarta 2023: बगैर महरम कोटे में अब अकेली महिला भी कर पाएगी आवेदन, नई हज पॉलिसी में हो सकते हैं ये बदलाव
Haj Yatra 2023: हज कमेटी ऑफ इंडिया देश में पांच साल के लिए पॉलिसी बनाती है.साल 2018 में बनी हज पॉलिसी पिछले साल समाप्त हो चुकी है. इस साल नई पॉलिसी बनाई जा रही है. इसमें कई नए प्रावधान हो सकते हैं.

लखनऊ: हज पर जाने के लिए बगैर महरम कोटे में अब अकेली महिला भी आवेदन कर सकेगी. अभी इस कोटे में चार के समूह में ही आवेदन करने की इजाजत है. हज 2023 की नई पॉलिसी में हज यात्रियों को इस तरह की कई सहूलियतें मिलने की उम्मीद है. वहीं नई पॉलिसी में इस तरह की महिलाओं के साथ जाने वाले हज सेवकों की निगरानी के लिए निदेशक स्तर के अधिकारी को तैनात करने का भी प्रावधान किया जा सकता है.
कितने साल में बनती है हड पॉलिसी
हज कमेटी ऑफ इंडिया देश में पांच साल के लिए पॉलिसी बनाती है.साल 2018 में बनी हज पॉलिसी पिछले साल समाप्त हो चुकी है. इस साल नई पॉलिसी बनाई जा रही है. इसमें देशभर की हज कमेटियों को ज्यादा से ज्यादा कोटा दिया देने पर जोर दिया जा रहा है. वहीं हज खर्च में कमी लाने पर भी केंद्रीय स्तर पर विचार चल रहा है. इसके लिए हज कमेटियों ने एयरलाइंस तय करने के लिए ग्लोबल टेंडर कराने का सुझाव दिया है. इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ने पर किराए में कमी आ सकती है. सूत्रों का कहना है कि हज पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है. केंद्रीय हज मंत्री की मुहर लगते ही नई पॉलिसी जारी कर दी जाएगी.
पुरानी पॉलिसी में 45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को हज पर जाने के लिए चार के समूह में आवेदन करना होता है. इसका नुकसान यह हो रहा है कि अगर समूह में से कोई एक महिला अपना आवेदन निरस्त कराती है तो सभी महिलाओं का आवेदन निरस्त हो जाता है. सूत्रों का कहना है कि नई पॉलिसी में बिन महरम ते आवेदन करने वाली महिलाओं का समूह हज कमेटी खुद बनाएगी. इसमें किसी महिला के आवेदन निरस्त कराने की दशा में बाकी की महिलाओं का आवेदन निरस्त नहीं होगा और हज पर जा सकेंगी.
हज सेवकों की होगी निगरानी
हज पर सऊदी अरब जाने वाले हज यात्रियों की मदद के लिए हज कमेटी पुरुष और महिला कर्मचारियों को हज सेवक बनाकर उनके साथ भेजती है. इन हज सेवकों पर उनके ठहराने से लेकर हज पूरा कराने तक की पूरी जिम्मेदारी होती है.सूत्रों के मुताबिक नई हज पॉलिसी में हज सेवकों की निगरानी के लिए निदेशक स्तर के अधिकारी को तैनात किया जाएगा. इससे सऊदी अरब में हज सेवक यात्रियों की मदद न करने पर उनकी जवाबदेही भी तय हो सके.
ये भी पढ़ें
Joshimath Sinking: कौन सी तकनीक से जोशीमठ में जमीन धंसने का पता चला? जानिए- कैसे करती है काम
Source: IOCL





















