New Income Tax बिल क्यों ला रही है केंद्र सरकार? अखिलेश यादव ने बता दी वजह!
New Income Tax Bill 2025: केंद्र सरकार, गुरुवार 13 फरवरी 2025 को नया आयकर विधेयक पेश करने वाली है. इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है.

New Income Tax Bill 2025: केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन नीत सरकार, गुरुवार 13 फरवरी को नया आयकर विधेयक पेश करेगी. इससे पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है. कन्नौज सांसद ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए नया विधेयक पेश करने की वजह बताई है.
अखिलेश ने केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए बड़ा दावा किया है. सपा सांसद ने लिखा- कई लाख करोड़ के बजट के बाद भी जनता के चेहरे पर आई मायूसी से ध्यान हटाने के लिए, अब ला रहे हैं नया बिल सबका ध्यान भटकाने के लिए. बाक़ी जनता समझदार है.
कई लाख करोड़ के बजट के बाद भी जनता के चेहरे पर आई मायूसी से ध्यान हटाने के लिए, अब ला रहे हैं नया बिल सबका ध्यान भटकाने के लिए।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 13, 2025
बाक़ी जनता समझदार है।
बता दें सरकार बृहस्पतिवार को लोकसभा में आयकर विधेयक, 2025 पेश करेगी. आयकर कानून को समेकित एवं संशोधित करने मकसद से विधेयक को लोकसभा में पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है.बुधवार को लोकसभा सचिवालय द्वारा प्रसारित एजेंडा के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आयकर विधेयक, 2025 पेश करेंगी.बहुप्रतीक्षित विधेयक में ‘कर निर्धारण’ और ‘पिछले वर्ष’ जैसी शब्दावली के स्थान पर ‘कर वर्ष’ शब्द का प्रयोग किया जाएगा. यह बदलाव भाषा को सरल बनाने के प्रयास का हिस्सा होगा. इसके साथ ही, इसमें प्रावधान और स्पष्टीकरण भी हटा दिए जाएंगे.
New Income Tax Bill में क्या क्या है?
नए विधेयक में 536 धाराएं, 23 अध्याय और 16 अनुसूचियां हैं. यह सिर्फ 622 पृष्ठों पर अंकित है. इसमें कोई नया कर लगाने की बात नहीं की गई है. यह विधेयक मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 की भाषा को सरल बनाता है. छह दशक पुराने मौजूदा कानून में 298 धाराएं और 14 अनुसूचियां हैं. जब यह अधिनियम पेश किया गया था, तब इसमें 880 पृष्ठ थे.
नया विधेयक आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेने के इरादे से तैयार किया गया है. दरअसल पिछले 60 वर्षों में किए गए संशोधनों के कारण मौजूदा आयकर अधिनियम बहुत बड़ा हो गया है. नया आयकर कानून एक अप्रैल, 2026 से लागू होने की उम्मीद है.
नए विधेयक में अनुषंगी लाभ (फ्रिंज बेनेफिट) कर से संबंधित अनावश्यक धाराओं को हटा दिया गया है. विधेयक के 'स्पष्टीकरण या प्रावधानों' से मुक्त होने की वजह से इसे पढ़ना और समझना आसान हो जाता है. इसके साथ ही आयकर अधिनियम, 1961 में कई बार इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द 'बावजूद' को नए विधेयक में हटा दिया गया है और उसकी जगह पर लगभग हर जगह 'अपरिहार्य' शब्द का इस्तेमाल किया गया है. विधेयक में छोटे वाक्यों का उपयोग किया गया है और तालिकाओं एवं सूत्रों के उपयोग से इसे पढ़ने के अनुकूल बनाया गया है.
टीडीएस, अनुमानित कराधान, वेतन और फंसे कर्ज के लिए कटौती से संबंधित प्रावधानों के लिए तालिकाएं दी गई हैं. नए विधेयक में 'करदाता चार्टर' भी दिया गया है जो करदाताओं के अधिकारों एवं दायित्वों को रेखांकित करता है. यह विधेयक आयकर अधिनियम, 1961 में उल्लिखित 'पिछले वर्ष' शब्द की जगह 'कर वर्ष' को रखा गया है. साथ ही, कर निर्धारण वर्ष की अवधारणा को भी खत्म कर दिया गया है. नया आयकर विधेयक, 2025 बृहस्पतिवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा जिसके बाद इसे आगे के विचार-विमर्श के लिए वित्त पर संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा. नए विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के ब्योरे में कहा गया है कि 1961 में पारित आयकर अधिनियम में 60 साल पहले पारित होने के बाद से कई संशोधन किए गए हैं.
इन संशोधनों की वजह से आयकर अधिनियम की मूल संरचना पर अत्यधिक बोझ पड़ा है और भाषा जटिल हो गई है, जिससे करदाताओं के लिए अनुपालन की लागत बढ़ गई है और प्रत्यक्ष-कर प्रशासन की दक्षता में बाधा आ रही है. कर प्रशासकों, व्यवसायियों और करदाताओं ने आयकर अधिनियम के जटिल प्रावधानों और संरचना के बारे में चिंता जताई थी. इसे ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 के बजट में ऐलान किया था कि आयकर अधिनियम, 1961 की समयबद्ध व्यापक समीक्षा की जाएगी. उसी घोषणा के अनुरूप नए विधेयक का खाका तैयार किया गया है.
1961 के कानून को निरस्त करने और प्रतिस्थापित करने का प्रस्ताव
आयकर विधेयक, 2025 में आयकर अधिनियम, 1961 को निरस्त करने और प्रतिस्थापित करने का प्रस्ताव है. नए विधेयक में 536 धाराएं शामिल हैं, जो मौजूदा कानून की 298 धाराओं से अधिक हैं. वहीं अनुसूचियों की संख्या 14 से बढ़कर 16 हो जाएगी. हालांकि अध्यायों की संख्या 23 पर ही स्थिर रखी गई है. आयकर विधेयक, 2025 में पृष्ठों की संख्या काफी कम करके 622 कर दी गई है, जो मौजूदा आयकर कानून का लगभग आधा है. प्रस्तावित आयकर कानून में कर विवादों को कम करने के लिए कर्मचारियों के स्टॉक विकल्प (ईएसओपी) मामले में कर व्यवस्था को स्पष्ट किया गया है और इसमें अधिक स्पष्टता के लिए पिछले 60 वर्षों के न्यायिक निर्णय शामिल हैं.
इसके साथ ही कुल आय का हिस्सा न बनने वाली आय को अब कानून सरल बनाने के लिए अनुसूचियों में डाल दिया गया है. नए आयकर कानून के प्रावधानों पर नांगिया एंडरसन एलएलपी में कर साझेदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि नए विधेयक में टीडीएस संबंधित सभी धाराओं को सरल तालिकाओं के साथ एक ही खंड में एक साथ रखा गया है. उन्होंने कहा, 'इसका मतलब यह होगा कि इस विधेयक की अधिसूचना के बाद, रिपोर्टिंग उद्देश्यों के लिए फॉर्म में बहुत सारे बदलाव करने होंगे.' सीतारमण ने बजट 2025-26 में घोषणा की थी कि नया कर विधेयक संसद के चालू सत्र में पेश किया जाएगा. आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा और अधिनियम को संक्षिप्त, स्पष्ट और समझने में आसान बनाने के लिए सीबीडीटी ने एक आंतरिक समिति का गठन किया था. भाषा प्रेम प्रेम रमणरमण
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