सरदार पटेल के अधूरे सपने को मोदी सरकार ने किया पूरा, लिखा गया नया इतिहास
जिस तरह सरदार पटेल अखंड भारत के लिये बड़े और कड़े फैसले लेते थे ठीक उसी तरह नरेंद्र मोदी ने कश्मीर को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अनुच्छेद 370 को हटाकर भारत के नये स्वरूप की कहानी लिख दी।

नई दिल्ली, एबीपी गंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर सरदाल पटेल का जिक्र करते हैं और अखंड भारत के लिये ''लौह पुरुष'' का नाम लेने से नहीं चूकते। बल्कि यूं कहा जाये मोदी का संबोधन पटेल के जिक्र के बिना पूरा नहीं होता। उनका ये कहना कि सरदार पटेल अगर पहले प्रधानमंत्री बने होते तो देश की तस्वीर अलग होती। वे खुद को हमेशा सरदार पटेल की विरासत से जोड़ कर पेश करते आये हैं। मोदी अपनी बातों के माध्यम से यह संदेश भी देते रहे हैं कि सरदार पटेल के अधूरे कामों को पूरा करने के लिये वह संकल्पित हैं। सरदार पटेल की तरह मोदी ने अनुच्छेद 370 हटाकर अखंड भारत बनाने की ओर बड़ा कदम उठाया है। सरदार पटेल गुजरात से थे और देश के पहले गृह मंत्री थे। आजादी के बाद छोटी छोटी रियासतों को मिलाने का काम पटेल ने साहसिक फैसले लेकर ही किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुजरात से ही आते हैं और पटेल की तरह मजबूत फैसले लेनेवाले राजनेता के रूप में खुद को आगे रखते आये हैं।
565 रियासतों को आजाद भारत में मिलाया था
देश आजाद होने के बाद हालात ठीक नहीं थे। रियासतें अलग अलग थीं, सबकी अपनी जरुरतें थीं, समस्याएं थी। ऐसे वक्त में सरदार पटेल ने देश के गृह मंत्री की कमान संभाली जब पहाड़ जैसी चुनातियां थीं। देश में 565 रियासतें थीं जिन्हें पटेल ने भारत में मिलाने का काम किया। इस विलय में जूनागढ़, जम्मू-कश्मीर और हैदराबाद के राजा शामिल नहीं होना चाहते थे। तब इन रियासतों को मिलाने का जिम्मा सरदार पटेल को सौंपा गया था। जूनागढ़ के नवाब का विरोध होने पर वह पाकिस्तान भाग गया था और इस तरह यह भारत में शामिल कर लिया गया। इसी तरह हैदराबाद के निजाम ने जब विरोध किया तो उन्हें सेना के सामने सरेंडर करना पड़ा। कश्मीर को अन्तर्राष्ट्रीय समस्या मानते हुये भारत के पास ही रहने दिया गया, कुछ विशेष प्रावधानों के साथ। इस पूरे प्रयास के बाद सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि दी गई।
मोदी सरकार ने लिया ऐतिहासिक फैसला
जम्मू-कश्मीर को लेकर पांच अगस्त यानी आज वो ऐतिहासिक फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया है। राज्य से अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया है। अब देश का संविधान पूरी तरह से लागू होगा। राज्य का अलग झंडा नहीं होगा। इस अनुच्छेद के तहत आनेवाले विशेष अधिकार अब अस्तित्व में नहीं रहेंगे।
मोदी की अगुवाई में गृह मंत्री ने संसद में अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश की। इसके बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। लद्दाख भी अलग केंद्र शासित प्रदेश बनेगा। गृह मंत्री ने कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 370(3) के अंतर्गत जिस दिन से राष्ट्रपति द्वारा इस सरकारी गैजेट को स्वीकार किया जाएगा, उस दिन से अनुच्छेद 370 (1) के अलावा अनुच्छेद 370 के कोई भी खंड लागू नहीं होंगे। इसमें सिर्फ एक खंड रहेगा।' इस बदलाव को राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी दे दी गई है।
इस फैसले के बाद नरेंद्र मोदी की छवि और मजबूत हो गई है। उन्होंने स्वयं को एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित कर लिया है जो देशहित में अहम और कड़े फैसले ले सकता है। मोदी सरदार पटेल के जिस अखंड और मजबूत भारत की बात करते हैं ये फैसला उन्हें और करीब लेकर जाता है।
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Source: IOCL





















