एटा में जहर खाकर विधवा ने दी जान, नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने योगी सरकार पर खड़े किए सवाल
Etah Suicide Case: एटा में एक विधवा की आत्महत्या की घटना चर्चा का विषय बनी हुई है. जबकि एटा सीडीओ विधवा की आत्महत्या के मामले को गृह क्लेश बता रहे हैं. आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला?

Etah News Today: उत्तर प्रदेश के एटा में एक विधवा ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर कीटनाशक की दवा पीकर आत्महत्या कर ली. यह घटना उजागर होने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया. इस घटना के बाद आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) प्रमुख और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भी यूपी सरकार पर निशाना साधा है.
दरअसल एटा जिले के नगला पवल की रहने वाली सुमन (35) ने सोमवार को कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली. मृतका विधवा महिला के 6 बच्चे हैं. पीड़ित परिवार के पास मृतका के अंतिम संस्कार के भी पैसे नहीं थे. स्थानीय लोगों और रिश्तेदारों की मदद से शव का अंतिम संस्कार किया गया.
विधवा पर थी 8 लोगों की जिम्मेदारी
मृतका सुमन के पति की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह से फरवरी 2023 में मौत हो गई. इसके बाद पूरे घर की जिम्मेदारी सुमन पर थी. बुजुर्ग सास ससुर समेत 8 लोगों के भरण पोषण सुमन मेहनत मजदूरी करके करती थी. पीड़िता को हाल ही में जाकर विधवा पेंशन मिलनी शुरू हुई है, जबकि राशन कार्ड में महज पांच ही लोगों के नाम दर्ज है.
मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक, रविवार को स्कूल बंद होने की वजह से बच्चे भूखे थे. घर में आटा कम थे और उसमें महज 6 रोटियां ही बन पाई. सभी 8 सदस्यों में ये रोटियां बंटी तो मां सुमन की बच्चों और परिवार की ये स्थिति देखी नहीं गई. इसके बाद उसने खौफनाक कदम उठाया.
मृतका की बेटी के मुताबिक, पिता की मौत के बाद घर का गुराजा मुश्किल से हो पा रहा था. आलम ये है कि परिवार के सदस्यों को पर्याप्त खाना तक नहीं मिल पा रहा था. इसकी वजह से मां मानसिक रुप से परेशान थी. वह घर पर काम करने के बाद दूसरों के खेतों में मजदूरी करके बच्चों को पालती थी.
सीडीओ ने बताई ये वजह
इस संबंध में एटा के मुख्य विकास अधिकारी डॉ नागेंद्र नारायण मिश्रा ने बताया कि सुमन ने गृह क्लेश के कारण कीट नाशक पी लिया था, जिससे उसकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि सुमन के परिवार में राशन कार्ड था, जिससे 25 किलो अनाज मिल रहा था. सास ससुर के पास पक्का मकान था जिसमें ये उनके साथ रहती थी. पीड़ित परिवार की हर संभव आर्थिक सहायता की जाएगी.
'घटना से निशब्द हूं'
इस घटना को लेकर आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने यूपी सरकार पर कटाक्ष किया है. सोशल मीडिया पर पोस्ट संदेश में चंद्रशेखर आजाद ने लिखा, "सुमन, जिसने पति को खोने के बाद अपने बच्चों के भविष्य के लिए जंग लड़ी, आखिरकार उस जंग में हार गई. रविवार के दिन जब स्कूल का मध्याह्न भोजन भी बंद था, उसके बच्चों की भूख ने उसकी उम्मीदों को तोड़ दिया."
नगीना सांसद ने आगे लिखा, "वह मां, जो अपने बच्चों को पालने के लिए जी रही थी, उस दिन उनको भूखा पेट देख जीने की चाह ही छोड़ बैठी जब छह रोटियां जो टुकड़ों में बच्चों को मिलीं. मैं निशब्द हूं." उन्होंने आगे लिखा, "सुमन की मौत केवल उसकी व्यक्तिगत त्रासदी नहीं बल्कि उस तंत्र की नाकामी है जो भूख और गरीबी के आगे एक मां को टूटने से नहीं बचा सका. यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि विकास के आंकड़ों और बड़े-बड़े नारों के बीच सबसे गरीब और वंचित लोग कहां खड़े हैं."
सीएम को दी नसीहत
चंद्रशेखर आजाद ने कहा, "मैं पूछना चाहता हूं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कि क्या "ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था" में इस परिवार के लिए कोई जगह नहीं थी?" उन्होंने लिखा, "ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का दावा तब तक खोखला है, जब तक एटा जैसी घटनाएं सामने आती रहें. योगी सरकार को यह समझना होगा कि आर्थिक विकास का असली मतलब तब है, जब हर नागरिक, चाहे वह गांव का हो या शहर का गरीबी और भूख से मुक्त हो."
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने अपनी पोस्ट में लिख, "अगर सरकार अपने लक्ष्यों को वंचितों के कल्याण से नहीं जोड़ेगी, तो यह केवल अमीरों और उद्योगपतियों के लिए विकास होगा. सुमन की मौत हमें याद दिलाती है कि "विकास वही है, जो हर भूखे पेट को रोटी और हर हताश व्यक्ति को उम्मीद दे."
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Source: IOCL























